चित्रकूट। जिला जेल में माफिया मुख्तार अंसारी के विधायक बेटे अब्बास अंसारी से उसकी पत्नी निखत बानो कब से बेरोक-टोक मिलने आ रही थी उसकी जांच अफसर जुट गए हैं। इसमें और कौन-कौन लोग शामिल थे उसका भी पता किया जा रहा है। बताते है कुछ कैदी भी निखत के प्लान में शामिल थे तो अब्बास को जेल से फरार करने में मदद करने वाले थे। उनकी भी पहचान की जा रही है। अभी तक जेल अधीक्षक समेत आठ जेल कर्मी बेनकाब हुए हैं।
चित्रकूट जेल के जिस कमरे में निखत को पकड़ा गया था वह जेल अधीक्षक कार्यालय से लगा है उसमें अंदर से ही जाने का रास्ता है। कमरे में रूम फ्रेशनर के साथ मेज कुर्सी और मैट पड़ी थी। जिसमें निखत पति के साथ तीन से चार घंटे गुजारती थी।
बिना इंट्री के बेधड़क निखत के कारागार की जांच डीआईजी जेल प्रयागराज शैलेंद्र कुमार मैत्रेय को मिली थी। जिन्होंने अपनी जांच रिपोर्ट शासन को भेज दी थी। उनकी जांच में जेल अधीक्षक अशोक कुमार सागर, जेलर संतोष कुमार व डिप्टी जेलर पियूष पांडेय समेत आठ जेल कर्मियों को निलंबित कर दिया गया था।
डीआईजी जेल ने बताया कि जिस बिंदु पर उनको जांच करनी थी पूरी हो चुकी है अब आगे कोई नया तथ्य आता है तो उस पर पड़ताल की जाएगी। फिलहाल आगे की जांच पुलिस मुकदमा के अनुसार करेंगी। रविवार को डीआईजी जेल अपनी जांच पूरी कर प्रयागराज लौट गए।
हाई प्रोफाइल मामले की जांच के लिए अपर पुलिस अधीक्षक चक्रपाणि त्रिपाठी के नेतृत्व में क्षेत्राधिकारी नगर बर्ष पांडेय, क्राइम ब्रांच के इंस्पेक्टर राजेश द्विवेदी, गिरेंद्र सिंह व शिवमूरत की पांच सदस्यीय एसआईटी का गठन किया गया है। जिसने जांच शुरू कर दी है।
बताते हैं कि एसआईटी ने अपनी विवेचना शुरू कर दी है सील सीसीटीवी फुटेज और अभिलेखों को अभी खोला नहीं गया है वैसे टीम सबसे पहले सीसीटीवी फुटेज देखना चाहती है कि निखत बानो कब से जिला जेल आ रही थी और कितने बार आई है।
एसपी वृंदा शुक्ला ने बताया कि सीसीटीवी के डिजिटल वीडियो रिकार्डर (डीवीआर) काफी डाटा है। उसको छंटनी कराने के लिए फारेंसिक लैब भेजा जाएगा। उसके बाद निखत की जेल में गतिविधियों का अध्ययन किया जाएगा। पांच सदस्यीय टीम एक-एक बिंदु को अच्छी तरह देखेगी।