बेंगलुरू । कर्नाटक की 224 सीटों में से ज्यादातर पर काउंटिंग के 5 राउंड तक पूरे हो चुके हैं। अब तक के रुझान में कांग्रेस को बढ़त मिली हुई है।
यही रुझान नतीजों में बदले तो कर्नाटक में 38 साल की परंपरा कायम रहेगी। 1985 के बाद से अब तक यहां कोई भी पार्टी लगातार दो बार सरकार नहीं बना पाई है। इस बार भी रुझानों से लगता है भाजपा के सत्ता में लौटने के आसार कम हैं।
कैसी है कर्नाटक की राजनीतिक उठापटक…क्यों यहां हर चुनाव में हवा का रुख बदल जाता है
एग्जिट पोल्स की बात करें तो 10 में से 5 में हंग असेंबली की भविष्यवाणी की गई है। चार में कांग्रेस को तो एक में भाजपा को सबसे बड़ी पार्टी बताया गया है।
रिकॉर्ड वोटिंग के बाद इसके पैटर्न से भी कुछ साफ नहीं हो रहा है। कांग्रेस, भाजपा, जेडीएस अपने-अपने जीत के दावे कर रहे हैं। राज्य में अब तक 14 विधानसभा चुनाव हो चुके हैं। 8 चुनावों में वोटिंग परसेंटेज में इजाफा हुआ, जिसमें सिर्फ एक बार 1962 में कांग्रेस की सत्ता में वापसी हुई है। वहीं, पांच चुनाव में वोट प्रतिशत कम रहा, जिसमें भाजपा एक बार सत्ता में लौटी।
कर्नाटक विधानसभा की 224 सीटों के लिए 10 मई को हुए मतदान की गिनती शुरू हो गई । मतगणना के लिए कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई है।कर्नाटक विधानसभा चुनाव की मतगणना जारी है। कांग्रेस-112, भाजपा-74 और जेडी(एस)-30 सीटों पर आगे चल रही है।
वहीं कर्नाटक सीएम बसवराज बोम्मई ने कहा कि कर्नाटक के लिए आज का दिन बड़ा है क्योंकि कर्नाटक की जनता अगले 5 साल का फैसला करेगी। मुझे विश्वास है कि लोगों ने भाजपा को वोट दिया है और मैं लोगों को बहुत शांतिपूर्ण तरीके से मतदान करने के लिए धन्यवाद देता हूं ।
न्यूज चैनल्स के रुझानों में कांग्रेस 114, भाजपा 79, जेडीएस 24 और अन्य को 7 सीटें मिलती नजर आ रही हैं।
सूत्रों के मुताबिक, रुझानों को देखते हुए कांग्रेस ने अपने सभी विधायकों को बेंगलुरु पहुंचने को कहा है। उधर, जेडीएस नेता एचडी कुमारस्वामी ने कहा कि भाजपा या कांग्रेस किसी भी पार्टी ने उनसे संपर्क नहीं किया है।
कर्नाट के नतीजे कार्टूनिस्ट मंसूर नकवी की नजर से…
कर्नाटक विधानसभा चुनाव रिजल्ट्स अपडेट…
- कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई शिगगांव से जीते। कर्नाटक कांग्रेस अध्यक्ष डीके शिवकुमार कनकपुरा से जीते।
- जेडीएस नेता कुमारस्वामी चन्नापटना सीट पर आगे चल रहे हैं।
- सिद्धारमैया के बेटे यतींद्र ने कहा कि मेरे पिता को मुख्यमंत्री बनना चाहिए। यूथ कांग्रेस अध्यक्ष श्रीनिवास बोले, “जय बजरंगबली, तोड़ दी भ्रष्टाचार की नली।”
- कांग्रेस नेता सिद्धारमैया, डीके शिवकुमार, मल्लिकार्जुन खड़गे के बेटे प्रियांक अपनी सीटों पर आगे चल रहे हैं। जगदीश शेट्टार पीछे।
- सिद्धारमैया के बेटे यतींद्र ने कहा कि मेरे पिता को मुख्यमंत्री बनना चाहिए।
- यूथ कांग्रेस अध्यक्ष श्रीनिवास ने कहा, “जय बजरंगबली, तोड़ दी भ्रष्टाचार की नली।”
- जेडीएस नेता कुमारस्वामी चन्नापटना से आगे। सीएम बसवराज बोम्मई शिगगांव से आगे हैं।
10 एग्जिट पोल में 5 में हंग असेंबली
एग्जिट पोल्स की बात करें तो 10 में से 5 में हंग असेंबली की भविष्यवाणी की गई है। चार में कांग्रेस को तो एक में भाजपा को सबसे बड़ी पार्टी बताया गया है।
रिकॉर्ड वोटिंग के बाद इसके पैटर्न से भी कुछ साफ नहीं हो रहा है। कांग्रेस, भाजपा, जेडीएस अपने-अपने जीत के दावे कर रहे हैं। राज्य में अब तक 14 विधानसभा चुनाव हो चुके हैं। 8 चुनावों में वोटिंग परसेंटेज में इजाफा हुआ, जिसमें सिर्फ एक बार 1962 में कांग्रेस की सत्ता में वापसी हुई है। वहीं, पांच चुनाव में वोट प्रतिशत कम रहा, जिसमें भाजपा एक बार सत्ता में लौटी।
राज्य में 38 साल से सत्ता रिपीट नहीं हुई
राज्य में 38 साल से सत्ता रिपीट नहीं हुई है। आखिरी बार 1985 में रामकृष्ण हेगड़े के नेतृत्व वाली जनता पार्टी ने सत्ता में रहते हुए चुनाव जीता था। वहीं, पिछले पांच चुनाव (1999, 2004, 2008, 2013 और 2018) में से सिर्फ दो बार (1999, 2013) सिंगल पार्टी को बहुमत मिला। भाजपा 2004, 2008, 2018 में सबसे बड़ी पार्टी बनी। उसने बाहरी सपोर्ट से सरकार बनाई।
पहली बार 73.19% मतदान, पिछले चुनाव से 1% ज्यादा
10 मई को 224 सीटों के लिए 2,615 उम्मीदवारों के लिए 5.13 करोड़ मतदाताओं ने वोट डाले। चुनाव आयोग के मुताबिक, कर्नाटक में 73.19% मतदान हुआ है। यह 1957 के बाद राज्य के चुनावी इतिहास में सबसे ज्यादा है।