अयोध्या। 5 अगस्त 2020…मोदी…मोदी और जय श्रीराम के नारों से अयोध्या गूंज रही थी। मौका था राम मंदिर निर्माण के लिए भूमि पूजन का। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने भूमि पूजन का भव्य आयोजन किया था।भूमिपूजन के लिए विशेष तौर पर प्रधानमंत्री को न्योता दिया गया था।
इसके इतर धन्नीपुर में मस्जिद के शिलान्यास के लिए कोई भव्य आयोजन नहीं किया गया है। इस सांकेतिक शिलान्यास में ट्रस्ट के सदस्य और लखनऊ-फैजाबाद समेत प्रोजेक्ट से जुड़े 100 लोग ही कार्यक्रम में मौजूद रहेंगे। इस दौरान ट्रस्ट के सदस्य 9 फलदार और छायादार पौधों का पौधरोपण करेंगे। 26 जनवरी के मौके पर झंडा फहराया जाएगा, जबकि मदरसे के बच्चे राष्ट्रगान गाएंगे।
क्या है शिलान्यास की तैयारियां?
मस्जिद ट्रस्ट के सचिव अतहर हुसैन ने बताया कि सुबह 8.30 बजे झंडारोहण का कार्यक्रम होगा। फिर पास के मदरसे के बच्चे राष्ट्रगान गाएंगे। इसके बाद ट्रस्ट के 9 सदस्य पौधरोपण करेंगे। इस मौके पर प्रोजेक्ट से जुड़े ट्रस्ट के 9 सदस्यों के अलावा लगभग 100 लोगों का जमावड़ा होगा। इस प्रोजेक्ट से खास लगाव रखने वाले मुंबई से कुछ लोग और लखनऊ से 20 बाकी अयोध्या (फैजाबाद) जिले से लोग शामिल होंगे।
वहीं जहां मस्जिद की जमीन है, वहां रौनाही और धन्नीपुर गांव के प्रधानों को भी बुलावा भेजा गया है। अतहर हुसैन ने बताया कि पौधरोपण करके हम दुनिया को पर्यावरण का मैसेज देना चाहते हैं, क्योंकि आने वाले वक्त में सबसे बड़ी समस्या यही बनने वाली है।
राम मंदिर की तर्ज पर होगी सॉइल टेस्टिंग
गणतंत्र दिवस पर अयोध्या की धन्नीपुर मस्जिद की नींव के निर्माण की तैयारी के लिए सॉइल टेस्टिंग का काम भी शुरू किया गया है। इसके लिए शनिवार को सॉइल टेस्टिंग स्टार्ट का निरीक्षण करने मस्जिद ट्रस्ट की टीम धन्नीपुर गांव पहुंची। इंडो इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन (IICF) की टीम ने उन तीन स्थलों का भी निरीक्षण किया।
जहां यू एंड आई कंपनी सॉइल टेस्टिंग करेगी। मस्जिद ट्रस्ट के सचिव अतहर हुसैन के मुताबिक 26 जनवरी को नींव रचना को लेकर लोगों को जिम्मेदारी सौंपी गई। अब नींव को लेकर सॉइल टेस्टिंग का काम शुरू होगा।
मस्जिद बनने में कितनी लागत आएगी?
मस्जिद का नक्शा जामिया मिलिया यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर एमएस अख्तर ने अक्टूबर 2020 में तैयार कर इंडो इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन को सौंप दिया था। इस मस्जिद की डिजाइन में कहीं से भी बाबरी मस्जिद का लुक नहीं आएगा। यह भी तय किया गया है कि 5 एकड़ के क्षेत्र में सिर्फ 1400 वर्ग मीटर क्षेत्रफल में मस्जिद बनेगी।
बाकी जगह में सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल, कम्युनिटी किचन, कल्चरल रिसर्च सेंटर और लाइब्रेरी बनाई जाएगी। हालांकि इसकी कितनी लागत आएगी? यह अभी तय नहीं किया गया है। हॉस्पिटल 200 बेड का होगा और 1 बेड की लागत लगभग 50 लाख होगी। इस तरह से सिर्फ हॉस्पिटल ही 100 करोड़ का होगा।
अमेजन और ऑस्ट्रेलिया से मंगाकर लगाए जाएंगे पौधे
अतहर हुसैन के मुताबिक अमेजन के जंगल दुनिया को 25% ऑक्सीजन देते हैं। जबकि ऑस्ट्रेलिया का एक हिस्सा वहां के जंगलों पर निर्भर है। लेकिन ऑस्ट्रेलिया में जंगलों में आग लगी। अमेजन खत्म हो रहा है।एक अनुमान के मुताबिक कुछ वर्षों में वहां से सिर्फ आधी ऑक्सीजन ही दुनिया को मिलेगी। ऐसे में हम सांकेतिक तौर पर पर्यावरण बचाने का मैसेज देने के लिए अमेजन और ऑस्ट्रेलिया से वह पौधे मंगाकर परिसर में लगाएंगे, जोकि ज्यादा ऑक्सीजन देते हैं।
पहले पास कराना होगा नक्शा
मस्जिद ट्रस्ट के सचिव अतहर हुसैन के मुताबिक मस्जिद व इसके काम्प्लेक्स में प्रस्तावित सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल, कम्युनिटी किचन, कल्चरल रिसर्च सेंटर लाइब्रेरी आदि के ब्लू प्रिंट को अयोध्या विकास प्राधिकरण से पास करवाने के लिए मस्जिद के आर्किटेक्ट प्रो एसएम अख्तर भी लखनऊ पहुंचेगे।
मस्जिद का ब्लूप्रिंट बन तैयार है। जिसकी हार्ड कापी ही अब अयोध्या विकास प्राधिकरण में जमा होगी। अतहर हुसैन के मुताबिक नक्शे के साथ कई विभागों की NOC भी जमा करनी होगी। अब 26 जनवरी के बाद ही प्राधिकरण से मस्जिद का नक्शा अप्रूव करवाने के लिए संपर्क किया जाएगा।
मंदिर की तरह ही पूरी करनी होगी सारी औपचारिकताएं
अयोध्या विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष विशाल सिंह के मुताबिक मस्जिद निर्माण के नक्शे के साथ शासन से इसके निर्माण की अनुमति पीडब्ल्यूडी, पर्यावरण कंट्रोल बोर्ड, सिंचाई विभाग, एयरपोर्ट अथॉरिटी, विकास प्राधिकरण, वनविभाग सहित करीब 14 विभागों की NOC भी जमा करनी पड़ेगी। मंदिर के नक्शे में विकास शुल्क में 65 फीसदी छूट भी दी गई थी। विशाल सिंह के मुताबिक अभी तक मस्जिद ट्रस्ट ने सबमिशन मैप नहीं जमा किया है।
मस्जिद के लिए चंदा जुटाने का अभियान नहीं चलाया जाएगा
मस्जिद ट्रस्ट के सचिव अतहर हुसैन के मुताबिक IICF के सामने सबसे बड़ी दिक्कत अभी तक आयकर की धारा 80G तहत टैक्स छूट का आदेश न मिलने को लेकर है। आदेश अभी तक न मिलने के कारण मस्जिद ट्रस्ट के खाते में दान की धनराशि नहीं जमा की जा रही है।
जबकि अब मस्जिद कांप्लेक्स का नक्शा अयोध्या विकास प्राधिकरण से अप्रूव करवाने से लेकर मस्जिद का निर्माण शुरू करने में करोड़ों के फंड की जरूरत पड़ेगी। अतहर हुसैन ने बताया कि हम चंदा लेने के लिए कोई अभियान नहीं चलाएंगे। बस हम ट्रस्ट का एकाउंट नंबर पब्लिक डोमेन में डाल देंगे। जो व्यक्ति डोनेट करना चाहेगा उसे आयकर के तहत छूट भी मिलेगी।
रोज 100 से ज्यादा कॉल और इतने ही आते हैं ई-मेल
अतहर हुसैन ने बताया कि इस मस्जिद को लेकर सिर्फ देश ही नहीं विदेश में भी लोग बहुत उत्साहित हैं। रोजाना 100 से ज्यादा कॉल किसी न किसी तरह मस्जिद के लिए कुछ कर पाएं, ऐसे लोगों की आती है। जबकि ट्रस्ट की मेल ID पर इससे ज्यादा इमेल आते हैं। ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका, लंदन जैसी जगहों पर से फोन और मेल आते हैं। अतहर बताते हैं कि ऑस्ट्रेलिया में एक डॉक्टर मिश्रा हैं, वह हमारे हॉस्पिटल में अपनी सेवा देना चाहते हैं। ऐसे ही रोजाना ढेरों लोग अपनी सेवा देने के लिए ऑफर देते रहते हैं।