कांग्रेस का मिशन 2022: प्रियंका ने पूर्वांचल के 15 जिला अध्यक्षों से फोन पर की बात, नाम मांगे

लखनऊ। अगले साल उत्तर प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक सरगर्मियां तेज हो गई हैं। सत्ताधारी पार्टी BJP चुनाव से पहले योगी के कैबिनेट विस्तार और संगठन में बदलाव की तैयारी में है तो कांग्रेस अभी से प्रत्याशियों के चयन पर फोकस करने में जुट गई है।

कांग्रेस सूत्रों के मुताबिक, पिछले एक महीने के अंदर कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव और यूपी की प्रभारी प्रियंका गांधी ने पूर्वांचल के 15 जिलों कांग्रेस अध्यक्षों से फोन पर बात की। सभी से जिले की ग्राउंड रिपोर्ट मांगी। जमीनी स्तर पर पार्टी के लिए अच्छा काम करने वाले नेताओं की लिस्ट मांगी। 4-4 संभावित प्रत्याशियों के नाम भी मांगे, जो जिताऊ हों। कैंडिडेट्स में क्या-क्या खूबियां होनी चाहिए। इसके बारे में भी प्रियंका ने जिलाध्यक्षों को बताया।

50 से ज्यादा संभावित कैंडिडेट्स को तैयार रहने को कहा
कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि कोरोना का ये समय पार्टी के लिए अच्छा मौका लेकर आया है। लोग केंद्र और राज्य दोनों ही सरकारों से नाराज हैं। बेरोजगारी, गरीबी और लोगों की दिक्कतें बढ़ी हैं। ऐसे में लोगों का हमदर्द बनकर उसे वोट में आराम से कन्वर्ट किया जा सकता है।

यही कारण है कि पार्टी की टॉप लीडरशिप की तरफ से 50 से ज्यादा संभावित कैंडिडेट्स को चुनाव की तैयारी करने का इशारा दे दिया गया है। ऐसे नेताओं से कहा गया है कि वह पूरा फोकस अपने क्षेत्र पर रखें। लोगों की ज्यादा से ज्यादा मदद करें। हर किसी के सुख-दुख में शामिल हों और उन्हें सरकार की खराब नीतियों के बारे में बताएं।

प्रियंका ने जिलों के नेताओं से 6 पॉइंट में बात की
1. कांग्रेस के लिए बेहतर काम करने और आम जनता से जुड़े 4-4 संभावित उम्मीदवारों के नाम चाहिए।
2. मजबूत निर्दलीय और विपक्षी दलों से चुनाव में उतरने की तैयारी कर रहे नेताओं की लिस्ट चाहिए।
3. पार्टी के नेता कोरोनाकाल में ज्यादा से ज्यादा लोगों की मदद करें। उन्हें अपने और पार्टी से जोड़ने का काम करें।
4. रोजगार, गरीबी से परेशान लोगों को पार्टी से जोड़ें। उन्हें भरोसा दिलाएं कि यूपी में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद सभी को रोजगार मिलेगा।
5. यूपी और केंद्र सरकार की नीतियों के खिलाफ लोगों को जागरूक करें। लोगों को बताएं कि इन नीतियों से उनका नुकसान होगा।
6. किसानों को पार्टी से जोड़ें। कृषि कानूनों को लेकर उन्हें समझाएं कि ये उनके खिलाफ है।

पश्चिम के बाद 33 % पूर्वांचल में आती हैं सीटें
यूपी की सत्ता पर कोई पार्टी तभी काबिज हो सकती है, जब पूर्वांचल में जीत हासिल हो। यूपी की 33% सीटें पूर्वांचल में ही आती हैं। हालांकि, पिछले तीन दशक में पूर्वांचल का मतदाता कभी किसी एक पार्टी के साथ नहीं रहा। किसान आंदोलन और कोरोनाकाल में कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने अपनी पकड़ मजबूत बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। इस दौरान BJP ने भी अपनी नींव नहीं कमजोर होने दी। खुद प्रधानमंत्री अलग-अलग बहानों से वाराणसी और पूर्वांचल के लोगों से संवाद करते रहे। योगी और केशव मौर्य भी लगातार पूर्वांचल के जिलों में दौरा करते रहे।

2017 में BJP ने 115 सीटें जीती थीं
बीजेपी ने 2017 में पूर्वांचल की 28 जिलों की 164 विधानसभा सीट में से 115 सीट जीतकर भले ही रिकॉर्ड बनाया हो, लेकिन कई जिलों में पार्टी सपा से पीछे रह गई थी। बीजेपी आजमगढ़ की 10 में से सिर्फ एक सीट, जौनपुर की 9 में से 4, गाजीपुर की 7 में से 3, अंबेडकरनगर की पांच में से 2 और प्रतापगढ़ की 7 में से दो सीटें ही जीत सकी थी। इसीलिए बीजेपी का भी फोकस पूर्वांचल पर रहेगा। पूर्वांचल में 28 जिले आते हैं, जो सूबे की राजनीतिक दशा और दिशा तय करते हैं। इन 28 जिलों में कुल 162 विधानसभा सीट शामिल हैं।

पंचायत चुनाव में कांग्रेस ने ग्राउंड तैयार कर ली
वरिष्ठ पत्रकार सिद्धार्थ कलहंस मानते हैं कि, कांग्रेस का बुरा दौर खत्म हो सकता है। अब कांग्रेस को यहां से आगे ही जाना है पीछे नहीं। पंचायत चुनाव में भले ही अन्य दलों की तरह कांग्रेस ने ज्यादा सीटें नहीं जीती हों, लेकिन ज्यादातर जगहों पर कांग्रेस के उम्मीदवार दूसरे या तीसरे नंबर पर थे। ये कांग्रेस के लिए अच्छा संकेत है।

पंचायत चुनाव से पहले कांग्रेस ने काफी हद तक ब्लॉक लेवल पर अपने संगठन मजबूत किया। पंचायत चुनाव में भागीदारी करके अपनी मजबूती को गांव तक पहुंचाई। न्याय पंचायत स्तर पर जैसा भी बना है उसका असर जरूर दिखेगा। जब दूसरे दलों के नेता कोरोनाकाल में घर से बाहर नहीं निकले तो कांग्रेस के नेताओं ने जमीनी स्तर पर काफी काम किया।

क्या कहते हैं कांग्रेस के नेता ?
उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अजय लल्लू का कहना है कि, हम 2022 की तैयारियों में जुट गए हैं। हमारी नेता प्रियंका गांधी के नेतृत्व में हम हर विधानसभा में अपने कैंडिडेट को मजबूती से उतारेंगे। कोरोनाकाल में कांग्रेस ने देश के लोगों की जो मदद की है वह सरकार भी नहीं कर पाई है। जनता ने देखा कि कौन उनके साथ है।

आजमगढ़ कांग्रेस के जिला अध्यक्ष प्रवीण कुमार सिंह से प्रियंका गांधी ने खुद बात की। वह बताते हैं कि प्रियंका गांधी ने जिला अध्यक्ष से लेकर बूथ लेवल और ब्लॉक लेवल पर बनाई गई कमेटी के बारे में पूछा। ये भी पूछा कि इन कमेटियों में कौन-कौन से नाम मजबूत हैं जिन्हें चुनाव में उतारा जा सकता है। कुछ यही बात बलिया कांग्रेस के अध्यक्ष ओमप्रकाश पांडेय बताते हैं। कहते हैं कि प्रियंका लगातार उनके संपर्क में रहती हैं। जिले के बारे में पूछती हैं और आम लोगों से जुड़े रहने के लिए बोलती हैं। संभावित प्रत्याशियों के बारे में भी उन्होंने जानकारी मांगी है।

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