देश की राजनीति में जहां एक ओर राहुल गांधी लगातार मोदी को टक्कर देने में लगे हुए है। उन्होंने भारत जोड़ो यात्रा के माध्यम से अपनी छवि में काफी सुधार किया। इतना ही नहीं लोकसभा चुनाव में उनकी कोशिशों का नतीजा है कि कांग्रेस ने 99 सीटें जीतने में कामयाब हुई लेकिन राज्यों के चुनाव में कांग्रेस का बुरा हाल है।
इसके साथ ही राज्यों के चुनाव में उसे एक के बाद एक करारी शिकस्त झेलनी पड़ी है। लगातार मिल रही हार की वजह से इंडिया गठबंधन में पूरी तरह से दरार पड़ गई और कई नेताओं ने खुलकर इस गठबंधन को खत्म करने की वकालत कर चुके हैं। इसके अलावा कई क्षेत्रीय दल अब कांग्रेस से बगावत कर रहे हैं और उसे अलग-थलग करने में जुट गए।
जानकारी मिल रही है कि तेजस्वी यादव ने कांग्रेस को साफ संकेत दे दिया है कि बिहार में वो बड़ी भाई के भूमिका रहेगा और सीटों का बंटवारा आरजेडी तय करेगी। हालांकि बिहार में चुनाव में अभी वक्त है लेकिन दिल्ली में फरवरी में चुनाव है।
इसको लेकर आम आदमी पार्टी और कांग्रेस में खुलकर रार देखने को मिल रही है। आलम तो ये हैं कि दिल्ली में सरकार बनाने के लिए आम आदमी पार्टी अकेले लड़ रही है और कांग्रेस उसे चुनौती देने को तैयार है।
ऐसा नहीं है कि दोनों के बीच तनातनी पहली बार हुई। इससे पहले भी दोनों पार्टी के रिश्तों के बीच में उतार-चढ़ाव खूब देखने को मिला है। आम आदमी पार्टी ने कांग्रेस से दिल्ली के साथ-साथ पंजाब भी छिन लिया था और अब कांग्रेस फिर से अपनी जमीन चाहती है। इसलिए उसने साफ कर दिया है कि इस बार दिल्ली में कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के बीच कड़ा मुकाबला है।
ऐसे नहीं है कि आम आदमी पार्टी ने दिल्ली, पंजाब में कांग्रेस को जख्म दिये हैं बल्कि उसने कांग्रेस के वोट बैंक पर गुजरात और हरियाणा के साथ-साथ गोवा में तगड़ी चोट पहुंचाई।
कांग्रेस इस बार दिल्ली को लेकर गंभीर है और चाहती है इस बार आम आदमी पार्टी को चुनौती देकर समाजवादी पार्टी और राष्ट्रीय जनता दल जैसे सहयोगियों को संदेश दिया जाए कि पार्टी अभी कमजोर नहीं हुई है और वो करिश्मा करने का हुनर रखती है।