कानपुर। उत्तर प्रदेश के कानपुर में कार्डियोलॉजी अस्पताल के फर्स्ट फ्लोर पर रविवार सुबह आग लग गई। इस फ्लोर पर ICU और जनरल वार्ड हैं। हादसे के वक्त ICU में 9 और जनरल वार्ड में 140 मरीजों का इलाज चल रहा था। रेस्क्यू के दौरान जनरल वार्ड के 2 मरीजों की मौत हो गई। दोनों वार्डों के बाकी 147 मरीजों को दूसरी बिल्डिंग में शिफ्ट कर दिया गया। आग लगने के बाद मरीजों को खिड़कियों के शीशे तोड़कर बेड समेत बाहर निकाला गया।
मृतक मरीजों के नाम रसूलन बीबी (80) और टेकचंद्र थे। रसूलन घाटमपुर नौरंगा की और टेकचंद्र हमीरपुर राठ के रहने वाले थे। परिजन के मुताबिक टेकचंद्र वेंटीलेटर पर थे और आग लगते ही डाक्टर्स ने उन्हें बाहर ले जाने के लिए कहा। इसके बाद बताया कि उनकी मौत हो चुकी है। वहीं, रसूलन बीबी के परिजन ने बताया कि वे सांस की मरीज थीं। रेस्क्यू के दौरान ज्यादा धुएं की वजह से उनकी मौत हो चुकी थी।
कमिश्नर बोले- दो मरीजों की मौत हादसे की वजह से नहीं
दो मरीजों की मौतों को लेकर कानपुर कमिश्नर डॉ. राजशेखर का कहना है कि ये मौतें हादसे की वजह नहीं हुईं। राजशेखर ने कहा, ‘जैसा कि मुझे जानकारी मिल रही है। एक कैजुअल्टी हादसे से पहले 6 बजकर 55 मिनट पर हो चुकी थी और दूसरी कैजुअल्टी 9 बजकर 21 पर जो हुई। इस मरीज को हार्ट की प्रॉब्लम थी और उनको पेसमेकर लगाया गया था। अभी मामले की जांच की जा रही है। जांच रिपोर्ट आने के बाद ही सही जानकारी दी जाएगी।’
वहीं ACP महेंद्र सिंह ने बताया कि ग्राउंड फ्लोर के सभी मरीजों को सुरक्षित निकाल लिया गया। पहली मंजिल पर 9 मरीजों के फंसे होने की सूचना मिली, लेकिन स्थिति को काबू में कर लिया गया। मरीजों के लिए खिड़कियों के शीशे तोड़कर वेंटिलेशन की व्यवस्था कर दी गई है।
CM ने मांगी हादसे की रिपोर्ट, जांच के लिए बनाई कमेटी
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने संबंधित अफसरों से अस्पताल में आग लगने की घटना की रिपोर्ट मांगी है। इसके साथ ही जांच के लिए हाई लेवल कमेटी भी बनाई गई है। इसमें DG फायर सर्विस, आयुक्त कानपुर मंडल और प्रमुख सचिव (चिकित्सा-स्वास्थ्य) शामिल हैं। मुख्यमंत्री ने यह निर्देश भी दिए हैं कि पहले की तरह सभी अस्पतालों में आग से निपटने के इंतजामों की जांच की जाए।