कानपुर। उत्तर प्रदेश के कानपुर से 50 किलोमीटर की दूरी पड़ने वाले सजेती थाना के अंतर्गत बीबीपुर गांव में बुधवार सुबह आंसुओं और मातम देखने को मिला। हर तरफ नम आंखों के बीच सिर्फ और सिर्फ पुलिस के प्रति आक्रोश तौर पर देखा जा सकता था। गांव का हर व्यक्ति गैंगरेप पीड़िता के घर के बाहर इकट्ठा हो उन्हें संभालने का प्रयास कर रहा था। इसके पीछे की मुख्य वजह सिर्फ इतनी थी की बेटी को न्याय दिलाने के लिए थाने के चक्कर लगा रहा एक मजबूर बाप सुबह बेटी को न्याय तो नहीं दिला सका लेकिन मौत की नींद सो गया।
इसके बाद ग्रामीणों का गुस्सा घरों से निकलकर सड़कों पर देखने को मिला और सड़क पर बैठकर पुलिस के खिलाफ नारेबाजी करते हुए ग्रामीणों ने आक्रोश व्यक्त किया। जिसके बाद जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन को कड़ी मशक्कत करते हुए ग्रामीणों को समझा-बुझाकर सड़कों से हटाया। तब जाकर कहीं हालात सामान्य हो सके।
गरीबी में दो बच्चों को पाल कर बड़ा करने वाले बुजुर्ग दादा ने कभी नहीं सोचा था कि उसका बड़ा बेटा जो कि उसके परिवार का और उसका सहारा था, वह इतनी जल्दी मौत की आगोश में सो जाएगा। एक बार फिर बूढ़े कंधों पर परिवार की जिम्मेदारी आ जाएगी और मजबूर बूढ़े पिता को अपने ही बेटे को कंधा देकर घाट तक ले जाना पड़ेगा। बूढ़ा पिता बदहवास हालत में सिर्फ बेटे को पुलिस के द्वारा मारे जाने की बात कह रहा है।
वह बार-बार एक बात कह रहे हैं की इन हालात में जब मेरा बेटा अपनी बेटी को न्याय नहीं दिला पाया तो मैं बूढ़ा क्या अपनी पोती और अपने बेटे को क्या न्याय दिला पाऊंगा। रो-रो कर बेटे की मौत का गम मना रहे बूढ़े पिता को देख ग्रामीण अपने आंसुओं को नहीं रोक पा रहे हैं। ग्रामीणों के आंसुओं में पुलिस के खिलाफ गुस्सा साफ तौर पर दिख रहा है।
बहन बोली-मरा नहीं मार दिया मेरे भाई को
अपनी बेटी को न्याय दिलाने के लिए पुलिस वालों के सवालों से घिरा एक बाप अब इस दुनिया में नहीं रहा। साथ ही उससे जुड़े लोग भी टूट गए हैं और एक बहन जिसने साथ साथ चल कर अपने भाई को बड़ा होते हुए देखा, शादी करवाई और उनके बच्चों को भी खिलाया। आज वही भाई अपनी बहन को छोड़कर चला गया। बहन इस दर्द को बर्दाश्त नहीं कर पा रही है। जोर जोर से चिल्ला कर रोती हुई कहती है कि मेरा भाई मरा नहीं है मार दिया गया है। बहन के शब्द सुनकर पूरा गांव स्तब्ध है।
पति वापस कर दो, पैसा नहीं चाहिए -पीड़ित पत्नी
गैंगरेप पीड़िता की मां अभी अपने बेटी के साथ घटी घटना का दर्द मिटा भी नहीं पाई थी उसे एक नया दर्द मिल गया और जिसके साथ सात जन्म साथ चलने के वादे किए थे। आज वह उसे छोड़कर चला गया। रोती बिलखती पत्नी सिर्फ पुलिस से मांग कर रही थी पैसा नहीं चाहिए पति वापस कर दो और मूकदर्शक बनी पुलिस के पास नाबालिग किशोरी की मां के किसी भी सवाल का सीधा जवाब नहीं था।
9 साल का मासूम पुलिसवालों से पूछ रहा अंकल मेरे पापा कहां हैं
गैंगरेप पीड़िता 14 साल की है। उसका छोटा भाई 9 साल का है। गैंगरेप पीड़िता अपने आंसुओं को रोक नहीं पा रही है और अपनी मां के पास गुमसुम अवस्था में बैठी हुई है। वहीं पास में 9 साल का मासूम बेटा सभी से पूछ रहा है। अंकल मेरे पापा कहां हैं, अंकल पापा कहां है, ग्रामीणों के पास और पुलिस वालों के पास उस मासूम के सवालों का कोई जवाब नहीं है। मासूम के सवाल ग्रामीणों के साथ-साथ मौके पर मौजूद पुलिसवालों को भी चुभा रहे हैं और मासूम बच्चे के चेहरे को देखकर ग्रामीण अपने आंसुओं को रोक नहीं पा रहे हैं।
गांव में पुलिसवालों के खिलाफ आक्रोश, बोले-जो हुआ गलत हुआ
ग्रामीणों ने बताया कि इस परिवार के साथ जो कुछ भी हुआ वह बहुत गलत हुआ है। यह परिवार आर्थिक रूप से बहुत कमजोर है। यह दो भाई हैं। इनमें से एक भाई हरियाणा की कंपनी में काम करता है और वही पर रह कर अपने परिवार को पाल रहा है। जबकि मृतक गांव में रहकर अपने वृद्ध पिता और अपने परिवार का पालन पोषण कर रहा था।
आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है। ऐसे में इतना बड़ा हादसा हो जाना इस परिवार के लिए बहुत बड़ा दर्द है क्योंकि एक बार फिर मृतक के वृद्ध पिता को अपने कंधों पर परिवार की जिम्मेदारी लेनी होगी। कैसे यह बुजुर्ग इन दो मासूम बच्चों का पालन पोषण करेगा। यह तो वक्त ही बताएगा। ग्रामीणों की माने तो सीधे तौर पर पुलिस वालों की घोर लापरवाही है और कहीं ना कहीं इस मौत के जिम्मेदार पुलिस वाले ही हैं।