— परिवहन और पुलिस विभाग के खेल में फंस गई सात क्विंटल सिक्कों की कार्रवाई
— तीन दिन बाद भी दोनों विभाग नहीं दे रहे संतुष्टजनक जवाब, रिलीज हो चुके हैं सिक्के
कानपुर। कोरोना संक्रमण काल में भले ही अर्थशास्त्री देश की अर्थव्यवस्था को लेकर चिंतित हों, लेकिन कानपुर में दूसरी बार भारी मात्रा में रुपया पकड़ा गया है। पहली बार सेंट्रल रेलवे स्टेशन में जहां 1.40 करोड़ रुपये मिले तो वहीं दूसरी बार रोडवेज बस में सात क्विंटल पांच-पांच रुपये के सिक्के मिले हैं।
दोनों मामलों में अभी जांच चल रही है, पर कार्रवाई अंजाम तक नहीं पहुंची है। यह अलग बात है कि स्टेशन में मिले एक करोड़ से अधिक रुपये को आयकर विभाग अपने कब्जे में ले रखा है तो वहीं सात क्विंटल सिक्कों पर होने वाली कार्रवाई फिलहाल परिवहन और पुलिस विभाग के खेल में फंसती दिखाई दे रही है।
दिल्ली से चलकर बिहार के मधुबनी जा रही स्वतंत्रता सेनानी एक्सप्रेस 15 फरवरी की रात्रि कानपुर के सेंट्रल स्टेशन पर रुकी थी। ट्रेन के पेंट्रीकार में एक लावारिस लाल रंग का सूटकेस मिला था और अगले दिन बिना डॉग स्क्वॉयड को जानकारी दिये जब सूटकेस को खोला गया तो अधिकारियों के मुताबिक उसमें 1.40 करोड़ रुपये मिले।
रुपया किसका है और कहां जा रहा था इसकी अभी तक स्थिति साफ नहीं हो पायी और कार्रवाई के नाम पर सिर्फ जांच चल रही है। अभी यह मामला थमा ही नहीं था कि बुधवार की रात्रि बाबूपुरवा पुलिस ने विश्व बैंक के पास दिल्ली जा रही किदवई नगर डिपो की रोडवेज बस से सात क्विंटल पांच-पांच रुपयों के सिक्कों का जखीरा पकड़ा।
तीन दिन के बाद भी शनिवार तक परिवहन और पुलिस विभाग कार्रवाई के नाम सिर्फ खेल ही कर रही है। दोनों विभाग एक-दूसरे पर जवाब के नाम पर टालमटोल कर रहे हैं। ऐसे में अगर यह कहा जाए कि दोनों विभागों ने मिलकर खेल कर दिया और दोषियों पर कार्रवाई नहीं होगी तो अतिशयोक्ति नहीं होगी। इसका अंदाजा इस बात से भी लगाया जा रहा है कि परिवहन और पुलिस विभाग यह नहीं बता रहा है कि रुपया किसका था और रोडवेज बस का चालक व परिचालक कौन था।
जिम्मेदारों का कहना
बाबूपुरवा थाना प्रभारी देवेन्द्र विक्रम सिंह ने बताया कि दिल्ली जाने वाली रोडवेज बस से सात बोरी सिक्का पकड़ा गया था। जानकारी जुटाई गयी और जिसका रुपया था उसने दस्तावेज दिखा दिये हैं और सिक्कों की बोरियां रिलीज कर दी गयी हैं। सीओ बाबूपुरवा ने बताया कि मिली सिक्कों की बोरियों में कोई अनियमितता नहीं थी, आगे की विभागीय कार्रवाई परिवहन विभाग करेगा।
पुलिस अधीक्षक दक्षिण दीपक भूकर ने बताया कि आरबीआई की गाइड लाइन के आधार पर सिक्कों को रिलीज किया गया है। तीनों ने यह नहीं बताया कि बस नंबर कौन सी थी और सिक्कों की बोरियां किसकी थी, चालक और परिचालक का नाम भी नहीं बताया गया है।
किदवई नगर डिपो के एआरएम प्रियम श्रीवास्तव ने बताया कि बाबूपुरवा सीओ से बराबर संपर्क बना हुआ है। अब तक पुलिस विभाग ने किस प्रकार की कार्रवाई की मुझे नहीं पता है। इस पर जब यह पूछा गया कि रोडवेज बस में कोई भी व्यक्ति इस तरह से माल ले जा सकता है तो अटकते हुए कहा कि ऐसा नियम के खिलाफ है।
चालक और परिचालक के विषय में भी एआरएम कुछ नहीं बता सके। सिर्फ यह कहा कि दोनों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। अब सवाल यह उठता है कि जिम्मेदार अधिकारियों को यह नहीं पता कि किस बस में सिक्कों की बोरियां मिली और कार्रवाई कौन सा विभाग करेगा तो इससे अंदाजा लगाया जा सकता है आगे क्या होने वाला है।