कानपुर। कानपुर देहात में विधानसभा चुनाव को लेकर सियासी सरगर्मियां तेज हो गई हैं। कयास लगाए जा रहे हैं कि बीजेपी ने कानपुर देहात में विधानसभा चुनाव के टिकट वितरण का फॉर्मूला तकरीबन तय कर लिया है। पार्टी के इंटरनल सर्वे के मुताबिक कुछ सिटिंग एमएलए का इस बार टिकट कट सकता है। दरअसल, पार्टी की ओर से कानपुर देहात की चारों विधानसभाओं में सर्वे कराया गया है। इसके नतीजे काफी चौंकाने वाले हैं। कहा जा रहा है कि कानपुर देहात के 4 विधायकों में से तीन विधायकों के टिकट कट सकते हैं। उनकी जगह पर नए चेहरों को मौका मिलेगा।
पार्टी के सर्वे में माननीय हुए फेल
सर्वे करने वाली टीम के सूत्रों के मुताबिक विधानसभा चुनाव 2022 को देखते हुए बीजेपी ने कानपुर देहात के लिए नई रणनीति तैयार की है। इसके तहत पार्टी ने कई संस्थाओं के जरिए विधायकों के कामकाज को लेकर सर्वे कराया था। इसके साथ ही चारों विधानसभा के विधायकों का एक रिपोर्ट कार्ड भी तैयार किया है। इसी के आधार पर पार्टी आलाकमान फैसला लेगी।
अच्छी नहीं रही परफॉर्मेंस
गौरतलब है कि कानपुर देहात की चारों विधानसभा भोगनीपुर, सिकंदरा, रसूलाबाद और अकबरपुर रनिया पर बीजेपी का कब्जा है। बीजेपी किसी भी हालत में इस राजनीतिक पकड़ को छोड़ना नहीं चाहती है। सूत्रों की मानें तो चार विधायकों में से तीन को टिकट की रेस से बाहर रखा जाएगा। सर्वे के मुताबिक सिर्फ एक विधायक की परफॉर्मेंस और जनाधार अच्छा रहा है। इसके पीछे की मुख्य वजह सर्वे रिपोर्ट में बेहद खराब मार्क्स मिलना माना जा रहा है।
कार्यकर्ताओं की नाराजगी
सर्वे टीम ने गांव-गांव जाकर जमीनी कार्यकर्ताओं और आम लोगों से बातचीत की। इसके बाद ही विधायकों का रिपोर्ट कार्ड तैयार किया है। सूत्रों के मुताबिक रिपोर्ट के तहत तीनों विधानसभाओं में जमीनी स्तर पर बीजेपी कार्यकर्ता ही अपने विधायकों से नाराज हैं। वही आम जनता के बीच भी विधायकों की छवि बेहद खराब है। इसकी मुख्य वजह विधायकों की निष्क्रियता मानी जा रही है। इस रिपोर्ट के बाद प्रदेश और केंद्रीय स्तर पर विचार-विमर्श का दौर जारी है। सूत्रों के मुताबिक लगभग तीन विधायकों की टिकट कटना तय माना जा रहा है। इनके साथ ही नए चेहरों को मौका मिलेगा।
अभी भी छवि सुधारने का मौका
सूत्रों की मानें तो बीजेपी की पहले सर्वे रिपोर्ट में फेल हो चुके विधायकों के पास अभी भी एक मौका है। बताया जा रहा है कि जनवरी के चौथे हफ्ते में बीजेपी एक और सर्वे करा सकती है। अगर उस सर्वे रिपोर्ट में विधायकों की छवि कार्यकर्ताओं और आम जनता के बीच में सुधारती है। तो संगठन फिर से विचार कर सकता है। हालांकि, आम लोगों का यही कहना है कि साल 2017 से जो विधायक जनता के बीच में छवि नहीं बना पाए। वो अब डेढ़ महीने में क्या सुधार लेंगे। तय है कि संगठन इस बार कानपुर देहात में बड़ा फेरबदल करेगा।
कानपुर देहात की चारों सीटों पर है बीजेपी का कब्जा
- सिकंदरा विधानसभा (207) सीट से अपने पिता स्व. मथुरा पाल की विरासत संभालने वाले उनके बेटे अजीत पाल जो सरकार में मंत्री भी हैं।
- रसूलाबाद विधानसभा (205) सीट से बीजेपी की निर्मला शंखवार विधायक हैं।
- अकबरपुर, रनियां विधानसभा (206) सीट से बीजेपी की प्रतिभा शुक्ला विधायक है।
- भोगनीपुर विधानसभा (208) सीट से बीजेपी के विनोद कटियार विधायक हैं।