कानपुर में पुलिस कमिश्नरेट की शुरुआत, पहले पुलिस कमिश्नर असीम अरुण ने ग्रहण किया पदभार

कानपुर। उत्तर प्रदेश सरकार ने कानपुर में कमिश्नर प्रणाली लागू कर दी है। कमिश्नर प्रणाली लागू करने के साथ ही कानपुर के सर्किट हाउस पहुंच कर नए पुलिस कमिश्नर असीम अरुण ने अपना पदभार ग्रहण कर लिया है। इस मौके पर नए पुलिस मुखिया ने कहा कि हमें बेहतर तालमेल बैठकर सभी विभागों के साथ मिलकर काम करना होगा और जनता के प्रति जवाबदेही तय की जाएगी।

इस दौरान कानपुर के पहले पुलिस कमिश्नर का स्वागत करने के लिए एडीजी कानपुर जोन भानु भास्कर, आईजी रेंज मोहित अग्रवाल, डीआईजी डॉ. प्रीतिंदर सिंह के साथ सभी एसपी और सीओ अन्य अधिकारियों के साथ मौजूद रहे।

विशेषज्ञ अधिकारियों को भी किया जाएगा नियुक्त
पुलिस कमिश्नरेट कानपुर नगर में पहले पुलिस आयुक्त के रूप में अपर पुलिस महानिदेशक असीम अरुण ने शुक्रवार देर रात को कार्यभार ग्रहण किया। कार्यभार ग्रहण करने के बाद पत्रकारों को संबोधित करते हुए पुलिस कमिश्नर असीम अरुण अरुण ने कहा कि पुलिस आयुक्त प्रणाली सरकार द्वारा इस लिए लागू की गई है, ताकि जनता को मदद करने वाली पुलिस व्यवस्था बनाई जा सके। इसके लिए और अधिक अधिकारियों के साथ विशेषज्ञ अधिकारियों को भी नियुक्त किया जा रहा है।

पुलिसकर्मियों के कामकाज पर रखी जाएगी निगाह

उन्होंने बताया कि कमिश्नर प्रणाली से कानपुर पुलिस व्यवस्था और सुधरेगी। इस प्रणाली से पुलिस को बड़ी शक्तियां और छोटी शक्तियां मिलेंगी और हमें बेहतर तालमेल बैठकर सभी विभागों के साथ मिलकर काम करना होगा। जनता के प्रति जवाबदेही के साथ मित्र पुलिसिंग की जाएगी। पुलिसकर्मियों पर भी आंतरिक निगाह रखी जायेगी। कार्यों के प्रति संवेदनहीन कर्मियों पर कार्यवाही अमल में लाई जाएगी। उन्होंने बताया कि बेहतर लॉ एंड ऑर्डर मिले, ट्रैफिक सुधरे और सबको क्वॉलिटी ऑफ लाइफ मिले, यही उद्देश्य है।

पहले कमिश्नर होंगे असीम अरूण, पिता के नक्शे कदम पर
कानपुर में कमिश्नर प्रणाली लागू होने के बाद कानपुर को पहला पुलिस कमिश्नर असीम अरुण के हाथों में योगी सरकार ने कमान सौंपी है लेकिन आपको बता दें कि आईपीएस असीम अरुण एडीसी रैंक के 1994 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं। इनका जन्म बदायूं के छोटे से गांव में 3 अक्टूबर 1970 को हुआ था और यह अपने पिता की तरह बेहद ईमानदार व सरल स्वभाव के साथ-साथ तेजतर्रार आईपीएस माने जाते हैं।आईपीएस असीम अरुण के पिता श्रीराम अरुण भी आईपीएस थे और उनकी गिनती भी तेजतर्रार व ईमानदारी अधिकारियों में होती थी।

एटीएस के आईजी रह चुके हैं असीम

एटीएस आईजी का पद संभालते हुए असीम अरुण के नेतृत्व में टीम ने वर्ष 2017 में लखनऊ में हुए एनकाउंटर में आतंकी सैफुल्लाह को मार गिराया था। इसके बाद वह यूपी में क्राइम कंट्रोल की रीढ़ माने जाने लगे। आईपीएस असीम अरुण इतने निर्भीक व ईमानदार अधिकारी हैं उनके कार्यों को देखते हुए देश के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के सुरक्षा दस्ते में शामिल किया गया था। उसमें वे एसपीजी के क्लोज प्रोटेक्शन टीम के हेड थे। इसके अलावा वे एसपीजी, एनएसजी और सीबीआइ में भी सेवाएं दे चुके हैं। फिलहाल अभी तक असीम अरुण यूपी 112 में अपर पुलिस महानिदेशक का पदभार संभाले हुए थे।

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