कानपुर। मेट्रो ट्रेन के द्वार जल्द ही कानपुरवासियों के खुलने वाले हैं। 28 दिसंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसका लोकार्पण करेंगे। इससे पहले आईबी और सीआईएसएफ की टीम मेट्रो स्टेशन के पूरे रूट और का सिक्योरिटी चेक करेगी। सुरक्षा का पूरा खाका भी तैयार करेगी। वहीं मेट्रो की सुरक्षा की पूरी जिम्मेदारी उ. प्र. स्पेशल सिक्योरिटी फोर्स (UPSSF) के हाथ में होगी।
20 से होगी जवानों की तैनाती
मेट्रो और एयरपोर्ट की सुरक्षा के लिए यूपी में स्पेशल सुरक्षा दस्ते का गठन किया गया है। इसके तहत यूपीपीसीएफ के 250 जवान तैनात किए जाएंगे। 20 दिसंबर से इन जवानों की तैनाती होगी। इसके अलावा प्राइवेट सिक्योरिटी कंपनी के 150 जवान भी सुरक्षा व्यवस्था संभालेंगे। इस दस्ते को यूपी सरकार से कई विशेष पावर प्रदान की गई हैं। बता दें कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सितंबर 2020 में कोर्ट, धार्मिक स्थलों, विशेष प्रतिष्ठानों की सुरक्षा के लिए स्पेशल फोर्स का गठन किया था।
बिना वारंट गिरफ्तार करने की पावर
यूपी एसएसएफ को यूपी सरकार ने विशेष शक्तियों से लैस किया है। इसके तहत इस दस्ते के किसी भी जवान को धारा-10 के अंतर्गत कोई अपराध किया है या किया जा रहा है। या अपराधी के निकल भागने या छिपने की आशंका है तो दस्ते द्वारा संबंधित को तत्काल गिरफ्तार कर सकता है। तलाशी लेने के लिए भी कोई परमीशन नहीं लेनी पड़ेगी।
20 से 22 के बीच आएगी टीम
कानपुर मेट्रो अधिकारियों के मुताबिक चीफ ऑफ रेलवे सेफ्टी (सीआरएस) की टीम 20 को आएगी और सभी जांच कर 22 दिसंबर को लौट जाएगी। माना जा रहा है कि 25 दिसंबर तक कानपुर मेट्रो को सीआरएस से एनओसी मिल जाएगी। वहीं कानपुर मेट्रो की चौथी ट्रेन भी कानपुर आ चुकी है। 5वीं ट्रेन मंगलवार शाम तक गुजरात के सांवली प्लांट से रवाना होगी।
UPSSF दस्ते की कुछ खासियत
-बिना वारंट गिरफ्तारी और तलाशी लेने का पॉवर
-बिना सरकार की इजाजत कोर्ट भी नहीं लेगी संज्ञान
-सरकारी इमारतों, दफ्तरों और औद्योगिक प्रतिष्ठानों की सुरक्षा की जिम्मेदारी
-अभी तक सिर्फ 5 बटालियन ही गठित की गई हैं
-प्राइवेट कंपनियां पेमेंट देकर ले सकेंगी एसएसएफ की सेवाएं