लखनऊ। उत्तर प्रदेश में कानपुर के बिकरु गांव में शहीद हुए पुलिसकर्मियों की पोस्टमार्टम रिपोर्ट आ गई है। इस पोस्टमार्टम रिपोर्ट में कई बड़े खुलासे हुए हैं। दुर्दांत विकास दुबे और उसके साथियों ने सीओ देवेंद्र मिश्रा समेत 8 पुलिसकर्मियों को बड़ी बेदर्दी से मारा था। पोस्टमार्टम रिपोर्ट से खुलासा हुआ है कि सीओ देवेंद्र मिश्रा समेत सभी पुलिसकर्मियों की हत्या करने के लिए धारधार हथियारों का भी इस्तेमाल किया गया।
धारदार हथियार से काटा गया पैर
पोस्टमार्टम रिपोर्ट के अनुसार सीओ देवेंद्र मिश्रा को 4 गोली मारी गईं जिसमें से तीन उनके शरीर से आर-पार हो गई। 1 गोली उनके सिर में, एक छाती में और 2 पेट में लगी थी। विकास दुबे और उसके साथियों ने सीओ देवेंद्र मिश्रा को गोलियां मारने के बाद उनके पैर को भी काट दिया था। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के मुताबिक सभी गोलियां प्वाइंट ब्लैंक रेंज से मारी गईं। वहीं सीओ बिल्हौर देवेंद्र मिश्र के चेहरे पर एक गोली लगने से वाइटल ऑर्गन बाहर आ गया और उन्होंने तुरंत दम तोड़ दिया।
अन्य पुलिसकर्मियों को भी बेहरहमी से मारा गया
कानपुर एनकाउंटर में शहीद हुए पुलिसकर्मियों की पोस्टमार्टम रिपोर्ट के मुताबिक सिपाही सुल्तान को दो गोलियां मारी गईं। अन्य पुलिसकर्मियों को आठ से दस गोलियां मारी गईं जिससे उनकी घटनास्थल पर ही मौत हो गई। पोस्टमार्टम के दौरान डॉक्टर शरीर पर गोलियों के निशान देखकर दंग रह गए।
पुलिसकर्मियों के सिर, चेहरे, हाथ, पैर, सीने और पेट में गोलियां लगीं। डॉक्टरों के अनुसार यही हाल अन्य पुलिसकर्मियों का भी हुआ होगा। ज्यादातर गोलियां शरीर के शरीर के पार हो गईं। तीन पुलिसकर्मियों के शरीर में गोलियों के टुकड़े मिले जो हड्डियों से टकराने से कई टुकड़ों में बंट गए। इसके अलावा 3 पुलिसकर्मियों के सिर पर और 1 के चेहरे पर गोली मारी गई। सभी 8 पुलिसकर्मियों की पोस्टमार्टम रिपोर्ट से ये साफ होता है कि बेहद बेरहमी से सभी की हत्या की गई।
विकास दुबे उज्जैन से पकड़ा गया, कानपुर के पास मुठभेड़
शूटआउट की रात पुलिस टीम बिकरु गांव में गैंगस्टर विकास दुबे को पकड़ने गई थी। वारदात के बाद वह साथियों समेत फरार हो गया था। घटना के 7वें दिन विकास को उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर के परिसर से गिरफ्तार किया गया। अगले दिन कानपुर लाते वक्त मुठभेड़ में यूपी एसटीएफ ने एनकाउंटर मार गिराया था।
अब तक 6 मारे जा चुके, 3 गिरफ्तार; 11 की तलाश
एडीजी ने बताया कि इस मामले में 21 अभियुक्त नामजद थे। इनमें से श्याम दुबे, दयाशंकर अग्निहोत्री और शशिकांत दुबे को गिरफ्तार किया गया है। मुख्य आरोपी विकास दुबे समेत 6 अभियुक्त एनकाउंटर में मारे जा चुके हैं। 11 अभियुक्तों की तलाश जारी है। चौबेपुर थाने के तत्कालीन इंचार्ज और एसआई के खिलाफ भी केस दर्ज कर गिरफ्तार किया गया है। इस मामले में जो भी कार्रवाई होगी, नियम और कानून के अनुसार होगी।