नई दिल्ली। कारगिल की जंग में भारत को मिली सफलता को आज 22 साल पूरे हो गए हैं। भारतीय सेना के शौर्य और पराक्रम का प्रतीक कारगिल विजय दिवस हर साल 26 जुलाई को मनाया जाता है।
साल 1999 में चटाई थी पाकिस्तान को धूल
साल 1999 में कारगिल युद्ध में देश के वीर-जवानों ने पाकिस्तान को धूल चटा दी थी। कारगिल विजय दिवस के मौके पर देशवासी अपने प्राणों की आहुति देकर भारत माता की रक्षा करने वाले वीर जवानों को याद करते हैं और उन्हें श्रद्धाजंलि देते है। कारगिल युद्ध में भारतीय सैनिकों ने अपने अदम्य शौर्य और वीरता का परिचय देते हुए पाकिस्तान के करीब 3 हजार सैनिकों को मार गिराया था।
18 हजार फीट की ऊंचाई पर लड़ा था युद्ध
आपकों बता दें कि यह युद्ध 18 हजार फीट की ऊंचाई पर लड़ा गया था। इस युद्ध के दौरान भारतीय सैनिकों को कई बड़ी मुश्किलों का सामना करना पड़ा था। पाकिस्तानी सैनिक ऊंची पहाड़ियों पर थे और हमारे वीर-जवानों को रात भर में चढ़ाई कर पहुंचना था।
60 दिनों तक चला था युद्ध
गौरतलब है कि यह युद्ध 60 दिनों तक चला था और आखिर में पाकिस्तान को मुंह के बल गिरना पड़ा था। भारत योद्धाओं की भूमि है, जिसने हमेशा दुश्मनों को हराया है। भारतीय सेना भारत की सीमा की रक्षा करती है। लेकिन हमारा पड़ोसी देश पाकिस्तान हमेशा घुपैठ करता है। ऐसी ही एक घटना 1999 में कश्मीर में हुई, जब पाकिस्तान ने कारगिल की चोटियों पर चुपके से कब्ज़ा कर लिया। लेकिन भारत ने दो महीनों तक पाकिस्तान से युद्ध किया और अपनी जमीन वापस ली।
26 जुलाई 1999 को कश्मीर के कारगिल में भारत ने पाकिस्तान हरा दिया। इसलिए हर साल 26 जुलाई 2021 को कारगिल विजय दिवस मनाया जाता है। इस वर्ष हम कारगिल विजय दिवस 2021 की 22वीं वर्षगांठ मना रहा है।
युद्ध की कुछ महत्वपूर्ण बातें
26 जुलाई 2021 को कारगिल विजय दिवस की 22वीं वर्षगांठ मनाई जा रही है। जिसे 1999 में कारगिल युद्ध या कारगिल संघर्ष के रूप में भी जाना जाता है।
पाकिस्तानी सेना ने कारगिल पर कब्ज़ा कर लिया था, जिसे भारतीय सेना ने एक कड़े संघर्ष के बाद सफलतापूर्वक वापस अपने कब्जे में ले लिया।
कारगिल युद्ध आखिरी बार था, जब भारत और पाकिस्तान के बीच पूर्ण सशस्त्र संघर्ष के रूप में लड़ा गया था। कारगिल युद्ध भी पहली बार था जब भारत और पाकिस्तान परमाणु शक्ति बनने के बाद सशस्त्र संघर्ष में आए।
कारगिल युद्ध में पाकिस्तानी सेना द्वारा नियंत्रण रेखा पार करनके भारत में घुसपैठ करने और पर्वत चोटियों पर कब्जा करने के लिए किया गया।
पाकिस्तान की इस घुसपैठ का पहली बार मई 1999 में पता चला था, लेकिन उस समय यह मान लिया गया था कि यह आतंकवादी थे और पाकिस्तानी सेना के सैनिक नहीं थे। लेकिन कुछ सप्ताह में भारत ने पाकिस्तान की इस घुसपेठ का पता लगाया और भारतीय सैनिकों ने कारगिल की ऊंचाइयों पर पाकिस्तान से बहादुरी से लड़ाई लड़ी और जीत हांसिल की।
528 भारतीय सैनिक हुए थे शहीद
इसके बाद भारत ने राजनयिक किया और इस्लामाबाद को वैश्विक स्तर पर अलग-थलग कर दिया। 26 जुलाई 1999 तक भारत ने अपनी सभी चोटियों पर फिर से कब्जा किया, जिसके बाद कारगिल संघर्ष समाप्त हुआ। दो महीने से अधिक चले इस कारगिल युद्ध में 528 भारतीय सैनिक शहीद हुए।
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