कानपुर। फजलगंज पुलिस की सतर्कता से एक अफसर की जान बच गई। हार्ट पेशेंट अफसर की कार चलाते समय अचानक हालत बिगड़ गई। सूचना पर पहुंची पुलिस ने बगैर कुछ जाने-समझे से सीधे उन्हें कॉर्डियोलॉजी हॉस्पिटल पहुंचाया। जहां डॉक्टरों ने बताया कि समय रहते अस्पताल पहुंचने से उनकी जान बच गई। सूचना पर परिवार के लोग हॉस्पिटल पहुंचे।
एंबुलेंस आने में पांच मिनट लगेगा, जीप से ले चलो…
भारतीय कृत्रिम अंग निर्माण निगम में कार्यरत बर्रा-2 निवासी जूनियर मैनेजर अमित सिंह बुधवार शाम को घर लौट रहे थे। हार्ट पेशेंट होने के चलते विजय नगर चौराहे पर अचानक उनकी तबियत बिगड़ गई और कार किनारे लगाते-लगाते अचेत हो गए।
वहां मौजूद लोगों ने इसकी सूचना-112 पर दी, लेकिन सूचना पर पहुंची पुलिस ने कुछ नहीं किया। क्यों कि कार का गेट भीतर से बंद था। इसकी सूचना उन्होंने फजलगंज थाना प्रभारी को दी। सूचना मिलते ही थाने के दरोगा सतपाल सिंह मौके पर पहुंचे और चंद कदम की दूरी पर मौजूद गैराज से कार मैकेनिक बुलवाकर शीशा खुलवाकर कार का दरवाजा खोला।
वहां मौजूद लोगों ने एंबुलेंस को भी इसकी सूचना दी थी, जब सतपाल को पता चला कि अभी एंबुलेंस आने में 5 से 10 मिनट लग जाएगा। इसके बाद उन्हे फौरन अपनी जीप से ही अमित को कॉर्डियोलॉजी लेकर भागे। समय रहते इलाज मिलने से उनकी जान बच गई। सूचना पर उनके परिजन भी हॉस्पिटल पहुंचे।
भीड़ देखती रही तमाशा
कार में मैनेजर बेहोश होने के बाद तड़पने लगे तो वहां लोगों की भीड़ जमा हो गई। लोगों ने कार का दरवाजा खोलने का प्रयास किया तो पता चला कि सब भीतर से बंद है। भीड़ तमाशा देखती रही, लेकिन किसी ने गेट खोलने का जतन नहीं किया। पुलिस पहुंची तब जाकर दरवाजा खुल सका।