किसानों और नौजवानों के आक्रोश से घबराई हुई है सरकार

नई दिल्ली। पिछले कई वर्षों से हर एक मुद्दे पर फ्रंट फुट पर खेलने वाली बीजेपी की सरकार इन दिनों बैक फुट पर है, वजह यह है कि देश का नौजवान और किसान सरकार की नीतियों से नाराज है। सरकार की चिंता को इस बात से स्पष्ट समझा जा सकता है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को कृषि बिल पर सामने आकर विपक्ष पर हमलावर होना पड़ा। वहीं पीएम मोदी के जन्मदिन को राष्ट्रीय बेरोजगार दिवस के रूप में मनाए जाने के बाद उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने युवाओं को रोजगार देने की पहल शुरू कर दी है।

बीजेपी सरकार के खिलाफ जो माहौल बना है उसकी कल्पना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी नहीं करी होगी। किसानों का गुस्सा देख कर राजग के पुराने सहयोगी अकाली दल ने तक सरकार से खुद को अलग कर लिया है। सोचने वाली बात है कि आखिर कुछ ही दिनों में ऐसा क्या हुआ कि बीजेपी के सहयोगी भी उसके साथ खड़े नजर नहीं आ रहे।

जिन पीएम मोदी की एक पुकार पर कोरोना जैसी महामारी के खिलाफ देश की जनता बिना साधन संसाधन जंग लड़ने के लिए तालियां और थालियां बजाने लगती है अब उन्हीं की अपील पर नौजवान और किसान भरोसा क्यों नहीं कर रहे।

इसे समझने के लिए हमने भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता धर्मेंद्र मलिक से बात कि तो उन्होंने बताया कि, प्रधानमंत्री जी कहते हैं कि, वह किसानों को बिचौलियों से मुक्त कराकर सीधे बाजार से जोड़ना चाहते हैं लेकिन नए नियमों के अनुसार जिसके पास भी पैन कार्ड है, वही व्यापारी बन कर सीधा किसान से डील करगा। ऐसे में बिचौलियों की संख्या कम होगी या बढ़ेगी सरकार खुद ही बताए ?

उन्होंने आगे कहा कि सरकार ‘वन नेशन-वन मार्केट की बात कर रही है जबकि हम चाहते हैं कि, वन नेशन-वन रेट की बात हो। धर्मेंद्र मलिक ने मांग की कि सरकार अगर सच में किसानों का भला करना चाहती है तो बस एक बात अपने नए बिल में लिख दे कि, पूरे देश में कहीं भी न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से कम पर खरीद नहीं होगी। उन्होंने कहा कि अगर सरकार ऐसा नहीं करती है तो निश्चित ही उनके मन में चोर है।

वहीं जब हमने वरिष्ठ पत्रकार केपी सिंह ने देश के मौजूदा हालातों पर चर्चा की तो उन्होंने कहा कि, किसान और नौजवान ही नहीं बल्कि देश की जनता का भरोसा सरकार पर कम हुआ है। लोगों को अब लगने लगा है कि सरकार कॉर्पोरेट क्षेत्र के लोगों के हित में काम कर रही है।

उन्होंने कहा कि, अभी तक बीजेपी का आईटी सेल सरकार की नीतियों के पक्ष में जनमत बनाने का काम कर रहा था लेकिन अब लोग इस मायाजाल को भी समझ चुके हैं जिसकी वजह से लोगों में सरकार के खिलाफ अविश्वास बढ़ा है और पीएम मोदी का जादू भी ख़त्म हो रहा है।

केपी सिंह ने आगे कहा कि, लोगों के आक्रोश से सरकार घबराई हुई है और चिंतित भी है लेकिन उन्होंने यह भी बताया कि, आगे आने वाले चुनाव में किसी और दल की सरकार बनने की सम्भावना अभी भी कम है इसके पीछे उनका तर्क था कि, बीजेपी संगठनात्मक रूप से बहुत मजबूत हो गई है जबकि अन्य दल अभी ट्विटर या फेसबुक में ही उलझे हैं। उन्होंने कहा कि, भविष्य के चुनावों में बीजेपी का वोट परसेंटेज कम होगा और उसकी सीटों की संख्या भी कम हो सकती है।

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