नई दिल्ली। संसद का विंटर सेशन शुरू हो चुका है। इस सत्र का आज तीसरा दिन है। दोनों सदनों में तीसरे दिन की कार्यवाही की शुरुआत भी काफी हंगामेदार रही। विपक्ष के हंगामे के चलते राज्यसभा की कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक स्थगित कर दी गई है। दरअसल, 12 राज्यसभा सांसदों के निलंबन को लेकर विपक्षी दल भड़के हुए हैं। विपक्ष यह निलंबन रद्द करने की मांग कर रहा है। सभापति ने निलंबित सांसदों से माफी मांगने पर फैसला वापस लेने की बात कही है लेकिन विपक्ष इसके लिए तैयार नहीं है।
‘कृषि मंत्रालय के पास मौतों का कोई रिकॉर्ड नहीं’
कृषि कानून वापसी को लेकर किए गए आंदोलन में हुई किसानों की मौत और मुआवजे को लेकर सरकार ने मंगलवार को संसद में जवाब दिया। विपक्ष ने सरकार से सवाल पूछा था कि सरकार के पास ऐसा कोई आंकड़ा है, जिसमें प्रभावित परिवारों का जिक्र हो या फिर उनकी मदद के लिए कोई प्रस्ताव हो। इस पर कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर ने कहा कि कृषि मंत्रालय के पास मौतों का कोई रिकॉर्ड नहीं है। ऐसे में मुआवजे का सवाल नहीं उठता है।
विपक्षी किसान ने कहा कि कृषि कानूनों के खिलाफ सालभर चले आंदोलन के दौरान 700 किसानों की मौत हुई। कृषि कानून वापसी बिल सोमवार को दोनों सदनों में पास हो गया था। इन कानूनों की वापसी का ऐलान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 18 नवंबर को किया था। उन्होंने देश से माफी मांगते हुए कहा था कि शायद उनकी तपस्या में कोई कमी रह गई।
गांधी की प्रतिमा के पास विपक्ष का प्रदर्शन
आज की कार्यवाही शुरू होने से पहले ही सांसदों के निलंबन को लेकर विपक्ष ने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया। विपक्षी नेताओं ने संसद में महात्मा गांधी प्रतिमा के सामने विरोध प्रदर्शन किया। राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि हम राज्यसभा के 12 विपक्षी सदस्यों का निलंबन रद्द करने की मांग कर रहे हैं। हम एक बैठक करेंगे और भविष्य की कार्रवाई तय करेंगे।
दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने सस्पेंशन ऑफ बिजनेस नोटिस भेजा
राज्यसभा सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने आंदोलन के दौरान जान गंवाने वाले किसानों के परिवारों को वित्तीय सहायता और MSP की कानूनी गारंटी पर चर्चा की मांग की है। इसे लेकर उन्होंने सदन को सस्पेंशन ऑफ बिजनेस नोटिस दिया है। वहीं, कांग्रेस के राज्यसभा सांसद शक्तिसिंह गोहिल ने सदन में स्थगन प्रस्ताव भेजा है। यह प्रस्ताव खाद्यान्न, तेल, पेट्रोल-डीजल और रसोई गैस जैसी आवश्यक वस्तुओं की कीमतों में बढ़ोतरी पर चर्चा के लिए भेजा गया है।