नई दिल्ली। एक माह से दिल्ली के सीमा पर चल रहे किसानों के आंदोलन से सरकार को भले ही कोई फर्क नहीं पड़ रहा हो लेकिन इस आंदोलन की मार से सबसे ज्यादा आहत रिलायंस है।
किसानों के रिलायंस के सामान के बहिष्कार के आह्वान के बाद से रिलायंस की मुश्किलें बढ़ गई हैं। इसमें सबसे ज्यादा नुकसान जियो को हो रहा है। भारी संख्या में जियो के नंबर को दूसरे सर्विस प्रोवाइडर में पोर्ट कराया जा रहा है।
पंजाब में तो रिलायंस के पेट्रोल पंप और रिटेल आउटलेट्स के बाहर लंबे वक्त से धरना दिया जा रहा है। अब जो नया काम है, वो ये कि किसान जियो के टावर्स की बिजली काट रहे हैं। इससे कंपनी को खासा नुकसान हो रहा है।
बीते कुछ दिनों में किसानों ने नवांशहर, फिरोजपुर, मानसा, बरनाला, फ़ाज़िल्का, पटियाला और मोगा जिलों में लगे जियो के टावर्स को होने वाली बिजली की सप्लाई काट दी है। बरनाला और बठिंडा के गांवों में लगे जियो के टावर्स को मिल रही बिजली की सप्लाई काटने के बाद किसानों ने इनके गेट भी बंद कर दिए।
द इंडियन एक्सप्रेस की खबर के अनुसार, भारतीय किसान यूनियन (दकौंदा) के नेता दर्शन सिंह कर्मा ने कहा कि ऐसा करके वे अपना विरोध जाहिर कर रहे हैं और उनकी लड़ाई कॉरपोरेट घरानों के खिलाफ है।
हीं भारतीय किसान यूनियन (उगराहां) के महासचिव सुखदेव सिंह कोकरीकलां ने कहा, ‘सबसे पहले हमने रिलायंस और एस्सार के पेट्रोल पंप के बाहर धरना दिया। इसके बाद रिलायंस के मॉल और स्टोर्स के बाहर धरना दिया। जियो सेल्युलर सर्विस के बहिष्कार के बाद हम मोबाइल टावर्स को मिलने वाली बिजली की सप्लाई को काट रहे हैं।’
किसानों के इस कदम से ऑनलाइन पढ़ाई कर रहे बच्चों को परेशानी हो रही है और किसान नेता इस बारे में विचार कर रहे हैं। किसानों का कहना है कि वे जियो के टावर्स को बिजली की सप्लाई तब तक नहीं चालू होने देंगे जब तक ये तीनों कृषि कानून रद्द नहीं हो जाते।
पंजाब में मोबाइल रिचार्ज की दुकान के बाहर ऐसे पोस्टर लगे हैं जिनमें लिखा है कि यहां जियो कंपनी के सिम और रिचार्ज नहीं मिलते।
किसानों के आंदोलन के दौरान अंबानी-अडानी के प्रोडक्ट्स का बहिष्कार करने की अपील करने के बाद से ही जियो को जोरदार झटका लगा है। किसानों की अपील के बाद सोशल मीडिया पर हैशटैग #BoycottJioSIM चला और इसमें कहा गया था कि अगर आप किसानों के समर्थक हैं तो अडानी-अंबानी के किसी भी प्रोडक्ट का इस्तेमाल नहीं करें।
इसके बाद से बुरी तरह से परेशान रिलायंस ने अपने कारोबारी प्रतिद्वंद्वियों वोडाफ़ोन-आइडिया (वीआई) और भारतीय एयरटेल के खिलाफ टेलीकॉम रेग्युलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (ट्राई) में शिकायत की थी।
रिलायंस ने इनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की मांग की थी। रिलायंस ने कहा था कि ये कंपनियां ओछी हरकत कर रही हैं और उसके खिलाफ अफवाह फैला रही हैं कि उसे नए कृषि कानूनों से फायदा होगा।
रिलायंस ने कहा था कि एयरटेल और वीआई अपने कर्मचारियों, एजेंट्स और रिटेलर के जरिये उसके खिलाफ नफरत फैलाने वाला कैंपेन चला रही हैं, लेकिन एयरटेल और वीआई ने रिलायंस जियो के आरोपों को खारिज किया था।
इधर, दिल्ली के टिकरी-सिंघु के साथ ही गाजीपुर बॉर्डर पर भी किसानों का धरना जारी है। कड़ाके की ठंड में भी इस आंदोलन में बड़ी संख्या में किसान जुड़ते जा रहे हैं। रेवाड़ी बॉर्डर पर भी बड़ी संख्या में किसान जमा हैं।