एमएसपी के लिए कानूनी गारंटी सहित विभिन्न मांगों को लेकर पंजाब और हरियाणा की सीमा पर किसानों के आंदोलन के बीच कांग्रेस नेता प्रताप सिंह बाजवा ने बृहस्पतिवार को सवाल किया कि केंद्र सरकार शांतिपूर्ण प्रदर्शन से क्यों ‘‘डरती’’ है?
संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा के बैनर तले किसान 13 फरवरी से पंजाब और हरियाणा के बीच शंभू और खनौरी सीमा पर डेरा डाले हुए हैं, जब सुरक्षा बलों द्वारा उनके दिल्ली कूच को रोक दिया गया था। 101 किसानों के एक जत्थे ने छह दिसंबर और आठ दिसंबर को पैदल दिल्ली में प्रवेश करने के दो प्रयास किए। हरियाणा में सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें आगे बढ़ने की अनुमति नहीं दी।
पंजाब विधानसभा में विपक्ष के नेता बाजवा ने कहा कि इंग्लैंड के किसानों द्वारा किए जा रहे शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन के कारण लंदन के वेस्टमिंस्टर में ट्रैक्टरों की कतार लग गई है।
उन्होंने कहा, ‘‘न तो वहां की सरकार और न ही स्कॉटलैंड यार्ड (लंदन पुलिस) ने किसानों को तितर-बितर करने के लिए बल का प्रयोग किया। उन्होंने बल का प्रयोग नहीं किया क्योंकि वे लोकतांत्रिक सिद्धांतों और शांतिपूर्ण विरोध के अधिकार का सम्मान करते हैं।’’
बाजवा ने एक बयान में कहा, ‘‘इसके विपरीत, हरियाणा में भारतीय जनता पार्टी बीजेपी नीत सरकार ने केंद्र सरकार के निर्देश पर निहत्थे और शांतिपूर्वक मार्च कर रहे किसानों पर आंसू गैस के गोले दागे और पानी की बौछारें कीं। हरियाणा में बीजेपी सरकार द्वारा शंभू और खनौरी सीमाओं पर विशाल अवरोधक लगाए गए हैं, जैसे कि पंजाब भारत का हिस्सा नहीं है।’’
पंजाब के कादियां विधानसभा क्षेत्र से विधायक ने कहा कि किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल पिछले 17 दिनों से आमरण अनशन पर हैं क्योंकि वह उनकी वास्तविक मांगों के प्रति बीजेपी के ‘‘अत्याचारी’’ रवैये से बेहद निराश हो चुके हैं।
केंद्र की बीजेपी नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) सरकार की आलोचना करते हुए उन्होंने पूछा, ‘‘क्या बीजेपी किसानों को इस देश का नागरिक नहीं मानती? बीजेपी किसानों द्वारा शांतिपूर्वक अपना अधिकार मांगने से इतना क्यों डरती है? क्या बीजेपी इसी तरह लोकतंत्र की रक्षा कर रही है?’’
शिरोमणि अकाली दल के नेता बिक्रम सिंह मजीठिया ने केंद्र से आंदोलनकारी किसानों से बातचीत करने और उनकी मांगों को स्वीकार करने की अपील की।
डल्लेवाल के बिगड़ते स्वास्थ्य पर चिंता व्यक्त करते हुए शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समिति (एसजीपीसी) के अध्यक्ष हरजिंदर सिंह धामी ने कहा कि केंद्र और राज्य सरकारों को अपना ‘‘अड़ियल रवैया’’ छोड़ना चाहिए और किसानों की जायज मांगों को स्वीकार करना चाहिए।