किसान आंदोलन के पीछे कौन कर रहा है साजिश ?

नई दिल्ली। मोदी सरकार और किसानों के बीच जंग और तेज हो गई है। केंद्र के प्रस्ताव को किसानों ने एक सिरे से खारिज कर दिया है। किसानों ने नया कानून वापस लिए जाने तक आंदोलन को और तेज करने का ऐलान कर दिया है। किसान अब दिल्ली को घेरने की तैयारी कर रहे हैं। 12 दिसंबर को दिल्ली -जयपुर हाईवे पर चक्का जाम करेंगे। 14 दिसंबर को देशभर में धरना प्रदर्शन करेंगे। इस पर भी अगर सरकार नहीं सुनी तो किसान, बीजेपी के मंत्रियों और नेताओं के घेराव करेंगे।

दूसरी ओर किसानों के प्रस्ताव खारिज करने के बाद मीटिंग का दौर जारी है। गृह मंत्री अमित शाह और कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर के बीच मामले को लेकर करीब ढाई घंटे की मीटिंग चली। बैठक में वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल भी मौजूद थे। मीटिंग में आगे की रणनीति को लेकर चर्चा हुई।

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बता दें कि बीजेपी ने कृषि कानून में संशोधन को लेकर किसानों को प्रस्ताव भेजा था, जिसमें 5 मुख्य बातों में बदलाव की बात कही गई थी। सरकार ने MSP जारी रखने, APMC को मजबूत करने, प्राइवेट कंपनियों के रजिस्ट्रेशन की बात कही,  जिस पर किसान संगठनों की बैठक हुई, जिसके बाद किसानों ने प्रस्ताव को खारिज कर दिया।

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इस बीच केंद्र सरकार में मंत्री राव साहब दानवे ने अजीबोगरीब बयान दिया है। उन्होंने किसान आंदोलन के पीछे चीन और पाकिस्तान का हाथ बता दिया है। महाराष्ट्र के औरंगाबाद में स्थित जालना के एक गांव में प्राथमिक आरोग्य केंद्र के उद्घाटन समारोह में मुख्य अतिथि के तौर पर पहुंचे दानवे ने भाषण के दौरान कहा कि दिल्ली के पास चल रहे किसान आंदोलन में पाकिस्तान और चीन का हाथ है।

उन्होंने कहा, ‘जो आंदोलन चल रहा है, वह किसानों का नहीं है। इसके पीछे चीन और पाकिस्तान का हाथ है। इस देश में मुसलमानों को पहले भड़काया गया। (उन्हें) क्या कहा गया? एनआरसी आ रहा है, सीएए आ रहा है और छह माह में मुसलमानों को इस देश को छोड़ना होगा। क्या एक भी मुस्लिम ने देश छोड़ा?”

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उन्होंने कहा, “वे प्रयास सफल नहीं हुए और अब किसानों को बताया जा रहा है कि उन्हें नुकसान सहना पड़ेगा। यह दूसरे देशों की साजिश है।” दानवे ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी किसानों के प्रधानमंत्री हैं और उनका कोई भी निर्णय किसानों के खिलाफ नहीं होगा। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की ह योजनाएं दिखाती हैं कि वह किसानों के लिए पैसे खर्च करने के लिए तैयार है, पर बाकियों को ये अच्छा नहीं लग रहा।

किसानों के विरोध प्रदर्शन के पीछे विदेशी ताकतों के हाथ होने की बात पर शिवसेना नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री चुटकी लेते हुए अरविंद सावंत ने कहा कि महाराष्ट्र में सत्ता गंवाने के कारण भाजपा नेता अपने होश में नहीं हैं। उन्हें पता ही नहीं है कि वे क्या बोल रहे हैं।

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बता दें कि कृषि कानूनों के विरोध में किसान 14 दिनों से दिल्ली बॉर्डर पर जमे हैं। सरकार और किसानों के बीच अब तक पांच दौर की वार्ता हो चुकी है। सभी बातचीत बेनतीजा रही हैं। सरकार की ओर से कृषि कानून पर भेजा गया प्रस्ताव भी किसानों को पसंद नहीं आया। बता दें कि सरकार जहां कृषि कानूनों को वापस ना लेने पर अड़ी है तो किसान कृषि कानून को रद्द किए जाने की मांग पर अडिग हैं।

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