पीलीभीत। जिले में एक किसान परिवार पर राष्ट्रीय ध्वज के अपमान का आरोप लगा है। यहां बुधवार को परिवार के एक युवक का अंतिम संस्कार किया गया। उसके शव को तिरंगे से ढंककर श्मशान घाट तक ले जाया गया। यह युवक खेती करता था और कृषि कानूनों के खिलाफ गाजीपुर बॉर्डर पर चल रहे धरने में शामिल होने गया था। वहां उसकी डेड बॉडी मिली थी। इस मामले में पुलिस ने युवक की मां और भाई के खिलाफ केस दर्ज किया है।
23 जनवरी को गाजीपुर बॉर्डर गया था
सेरामऊ के गांव बारी बुझिया के रहने वाले भजन सिंह का 30 साल का बेटा बलजिंद्र अपने साथियों के साथ 23 जनवरी को किसान आंदोलन में शामिल होने गया था। परिवार से उसकी आखिरी बार 24 जनवरी को बात हुई थी। तब वह गाजीपुर बॉर्डर पर ही था। इसके बाद उससे संपर्क नहीं हुआ। परिवार वालों ने उसके साथ गए लोगों से बात की तो पता चला कि बलजिंद्र लापता है।
इसकी सूचना गाजीपुर थाने में दी गई। पुलिस ने बलजिंद्र के मोबाइल नंबर को ट्रेस किया तो वह कूड़ा बीनने वाले के पास निकला। गाजीपुर पुलिस ने जानकारी जुटाई तो पता चला कि 25 जनवरी को गाजीपुर बार्डर से कुछ दूर बलजिंद्र आखिरी बार दिखाई दिया था। लोगों ने बताया कि वह लड़खड़ा रहा था। लग रहा था कि वह नशे में है।
कुछ देर के बाद बलजिंद्र का शव सड़क पर पड़ा मिला। शव के आसपास बड़े-बड़े टायरों के निशान भी मिले थे। इसके बाद परिवार वालों को शिनाख्त के लिए गाजीपुर बुलाया गया। बुधवार को शव का पैतृक गांव में अंतिम संस्कार किया गया।
SO ने दर्ज कराई FIR
यह FIR थाना सेरामऊ के SO आशुतोष रघुवंशी ने दर्ज कराई है। उन्होंने बताया कि मैं सिपाहियों के साथ मौके पर मौजूद था। बलजिंद्र की मौत हादसे में हुई थी। इसकी FIR भी गाजियाबाद के गाजीपुर थाने में दर्ज है। इसकी कॉपी परिवार को सौंपी गई थी। अंतिम संस्कार से पहले किसान के भाई गुरविंदर और मां जसबीर कौर ने शव के ऊपर तिरंगा रख दिया। कानून के तहत ऐसा करना जुर्म है।
फ्लैग कोड ऑफ इंडिया के तहत देश के लिए जान देने वाले शहीदों और महान विभूतियों के शव को ही तिरंगे में लपेटा जाता है। ऐसा करने के भी नियम तय हैं।