नई दिल्ली। पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह एनडीए की ओर से उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार हो सकते हैं। यह चर्चा कैप्टन के अपनी पार्टी पंजाब लोक कांग्रेस को भाजपा में मर्ज करने की तैयारी के बाद तेज हो गई है। कैप्टन के पीएम नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह से अच्छे संबंध हैं। ऐसा कहा जा रहा है कि पार्टी मर्ज करने के साथ उनकी उम्मीदवारी का ऐलान होगा।
कैप्टन इलाज के लिए अभी लंदन में हैं। उनकी सर्जरी हुई है। वह इस महीने के दूसरे हफ्ते में पंजाब लौट आएंगे। देश के मौजूदा उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू का कार्यकाल 11 अगस्त को खत्म हो रहा है। इससे पहले 6 अगस्त को उपराष्ट्रपति चुनाव होंगे। इसके लिए 5 जुलाई को अधिसूचना जारी होने के बाद 19 जुलाई तक नामांकन भरे जाएंगे।
अमरिंदर के सहारे पंजाब साधने की कोशिश
भाजपा कैप्टन के सहारे पंजाब को साधने की कोशिश कर रही है। खासकर सिख समुदाय से नजदीकी बढ़ाने के लिए भाजपा हर दांव खेल रही है। प्रधानमंत्री मोदी सिख शख्सियतों से मिल रहे हैं। वहीं, लाल किले में श्री गुरु तेग बहादुर जी का प्रकाश उत्सव भी मनाया जा चुका है।
कैप्टन पंजाब के सियासी दिग्गज हैं। शहरों से लेकर गांवों तक हर जगह वह चर्चित नेता हैं। इसलिए कैप्टन के सहारे 2024 लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा पंजाब की 13 सीटों पर नजर लगाए बैठी है। कृषि सुधार कानूनों के विरोध में हुए किसान आंदोलन के चलते सिख भाजपा से नाराज चल रहे हैं।
विधानसभा चुनाव में फेल रहे अमरिंदर
कैप्टन अमरिंदर सिंह 2 बार पंजाब के CM रहे। उनका साढ़े 9 साल का कार्यकाल रहा। पिछले साल चुनाव से 3 महीने पहले कांग्रेस ने उन्हें CM की कुर्सी से हटा दिया। कैप्टन ने पंजाब लोक कांग्रेस के नाम से नई पार्टी बनाई। फिर भाजपा से गठबंधन कर चुनाव लड़ा लेकिन उनके कैंडिडेट के साथ कैप्टन खुद भी हार गए। भाजपा को भी सिर्फ 2 सीटें मिली। हालांकि, इस हार को पंजाब के लोगों की पारंपरिक दलों से बदलाव की इच्छा से जोड़कर देखा जा रहा है।
केंद्रीय नेतृत्व करेगा फैसला : शर्मा
पंजाब भाजपा के अध्यक्ष अश्वनी शर्मा ने कैप्टन को उपराष्ट्रपति उम्मीदवार बनाए जाने के सवाल पर कहा कि यह फैसला केंद्रीय नेतृत्व को करना है। हालांकि, उन्होंने इससे इनकार भी नहीं किया।