कैसे निकलेगी सुलह की राह! पैनल से नहीं मिलेंगे सिद्धू, राहुल करेंगे असंतुष्ट नेताओं से मुलाकात

नई दिल्ली। पंजाब कांग्रेस में अंदरूनी कलह खत्म होने का नाम नहीं ले रही। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह और पूर्व मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू के बीच जारी टकराव कांग्रेस नेतृत्व के लिए परेशानी का सबब बन गया है। इन दोनों नेताओं के बीच कलह खुलकर सामने आ गई है।  यहां आज यानी 22 जून को कैप्टन AICC पैनल से मुलाकात करेंगे। लेकिन खबर है कि सिद्धू इस बैठक में शामिल नहीं होने वाले।

इधर, मामला सुलझाने के लिए ,कांग्रेस हाईकमान ने एक तीन सदस्यीय समिति भी बनाई है। इस समिति के नेताओं से कैप्टन और सिद्धू मुलाकात कर चुके हैं लेकिन दोनों अपने रुख से पीछे हटने और एक दूसरे के साथ आने के लिए तैयार नहीं हैं। ऐसे में चुनाव से पहले पंजाब कांग्रेस के लिए अजीबो-गरीब स्थिति बन गई है।

पंजाब कांग्रेस के इस संकट को देखते हुए अब राहुल और सोनिया ने दखल दिया है। राहुल ने सोमवार को दिल्ली में अपने आवास पर कांग्रेस सांसद गुरजीत सिंह औजला, मंत्री राजकुमार वेरका, चरणजीत सिंह चन्नी और विधायक कुलजीत नागरा से अपने आवास पर मुलाकात की।

इस बैठक में पंजाब कांग्रेस के प्रभारी हरीश रावत भी मौजूद थे। आज फिर राहुल कैप्टन खेमें के बाकी नेताओं से मिलेंगे। आज वे राज्य प्रमुख सुनील जाखड़, छह कैबिनेट मंत्री (सुखजिंदर रंधावा, सुख सरकारिया, तृप्त राजिंदर बाजवा, रजिया सुल्ताना, चरणजीत चन्नी और भारत भूषण आशु) और विधायक संगत सिंह गिलजियान, राजा वारिंग, परगट सिंह, किक्की ढिल्लों, तरसेम सिंह और इंद्रबीर बोलारिया से मुलाकात करेंगे। राहुल ने इसको लेकर पूर्व कानून मंत्री और पूर्व राज्यसभा सांसद अश्विनी कुमार के साथ भी अलग से चर्चा की।

सोमवार को सिद्धू ने कैप्टन से उनके कामकाज का रिपोर्ट कार्ड मांगने के साथ ही उन्हें खुली चुनौती भी दे दी थी। सिद्धू ने कहा कि कैप्टन कौन होते हैं पार्टी में मेरे लिए दरवाजा बंद करने वाले? इस बार सिद्धू के तेवर इतने तल्ख दिखाई दे रहे हैं कि उन्होंने कैप्टन के अलावा पार्टी हाईकमान पर भी तंज कसने से भी नहीं चूके। एक अंग्रेजी अखबार को दिए इंटरव्यू में सिद्धू ने कहा था कि जब चुनाव आते हैं तो पार्टी को उनकी याद आ जाती है।
उन्होंने कहा, ‘मैं कोई शो- पीस नहीं हूं।’माना जा रहा है कि नवजोत सिद्धू की अचानक बढ़ी तल्खी का मुख्य कारण यह है कि पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी ने मुलाकात के लिए कैप्टन अमरिंदर सिंह को तो दिल्ली बुला लिया लेकिन सिद्धू को नहीं बुलाया गया।
कहा जा रहा है कि सिद्धू ने सोमवार को मुख्यमंत्री के खिलाफ पब्लिक अटैक कर सुलह के लिए जगह कम कर दी। इस बीच, एआईसीसी के एक सूत्र ने कहा कि सोमवार को जो हुआ उसका मतलब है कि पार्टी को सीएम और सिद्धू में से किसी एक को चुनना पड़ सकता है क्योंकि दोनों के लिए एक साथ काम करना स्पष्ट रूप से असंभव हो गया है। साथ ही, कल की बैठक के लिए एआईसीसी पैनल के निमंत्रण को अस्वीकार करने का सिद्धू का निर्णय पार्टी नेतृत्व को गलत संकेत देता है। ”

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