कॉलेज प्रिंसिपल बन गया चोर, इंस्पेक्टर बनकर ट्रेन में बेटे संग करता था चोरी

आगरा। ट्रेनों में चोरी करने वाले बाप-बेटे को जीआरपी ने गिरफ्तार किया है। आरोपी इंटर कॉलेज में प्रधानाचार्य रह चुका है। इससे पहले वो एक करोड़ रुपए की फिरौती मांगने के आरोप में जेल जा चुका है। उसके पास से लाखों रुपए का माल बरामद हुआ है। सामान इतना अधिक था कि जीआरपी को प्लेटफॉर्म पर प्रेस कांफ्रेंस करनी पड़ी।

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एसपी जीआरपी मोहम्मद मुश्ताक ने बताया कि आगरा फोर्ट जीआरपी ने ट्रेनों में चोरी करने वाले वाले दो शातिर चोरों को गिरफ्तार किया है। पकडे़ गए चोर पिता-पुत्र हैं। नरेश चंद्र और उसका बेटा आर्यन निवासी सम्राट नगर, फिरोजाबाद और हाल निवासी मधुनगर देवरी रोड सदर आगरा हैं।

पूछताछ में नरेश ने बताया कि इटावा के भरथना में एसएवी इंटर कॉलेज में प्रवक्ता था। बाद में वो कमीशन से उसी कॉलेज में प्रधानाचार्य बन गया। वर्ष 2012 में उसे छात्रवृत्ति घोटाले में निलंबित कर दिया गया था। इसके बाद 2017 में उसे नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया।

चोरी को बना लिया पेशा
आरोपी ने बताया कि नौकरी से बर्खास्त होने के बाद उसने ट्रेनों में चोरी करने शुरू किया। वो इटावा से भरतपुर रूट पर ट्रेनों में चोरी करता था। वो सुबह-सुबह एसी कोच में पहुंचता था।

उस समय अधिकांश यात्री फ्रेश होने जाते हैं। ऐसे में वो उन यात्रियों का बैग और अन्य सामान चुराकर उतर जाता था। जब वो नौकरी से बर्खास्त हो गया तो उसने ट्रेनी में चोरी को अपना पेशा बना लिया।

बेटे को नहीं करानी थी नौकरी
जीआरपी फोर्ट प्रभारी यादराम सिंह ने बताया कि आरोपी ने अपने बेटे आर्यन को भी चोरी में शामिल कर लिया। आरोपी का कहना था कि बेटे को 10-12 हजार की नौकरी कराने से क्या मिलता। उसके घर की किस्त की 35 हजार रुपए जाती है।

ऐसे में उसे भी अपने साथ शामिल कर लिया। दोनों पिता-पुत्र ट्रेन, बस स्टैंड पर चोरी करते थे। अब तक वो 1000 से ज्यादा सामान चोरी कर चुके हैं। मरुधर एक्सप्रेस से विदेशी यात्री का ट्राली बैग, लैपटॉप व अन्य सामान चुराया था।

चोरों से बरामद सामान को देखती जीआरपी।
चोरों से बरामद सामान को देखती जीआरपी।

एक माह से पीछे थी पुलिस
जीआरपी थाना प्रभारी ने बताया कि दिसंबर में आगरा फोर्ट से ट्रेन में एक लैपटॉप चोरी हुआ था। जब सीसीटीवी कैमरे देखे तो उसमें आरोपी नरेश की पहचान हुई। जानकारी पर पता चला कि वो आगरा फोर्ट स्टेशन पर आता रहता है।

वो लोगों को अपने आप को पुलिसवाला बताता था। बाइक पर भी नंबर नहीं था। लोगों पर पुलिस वाला होकर रौब जताता था। अधिकांश लोग उसे पुलिस वाला ही समझते थे। तब से उसका पीछा हो रहा था। एक बार वो पुलिस से बचकर भागने में सफल भी रहा था।

पहले भी जा चुका है जेल
आरोपी नरेश वर्ष 2012 में छात्रवृत्ति फर्जीवाडे़ में जेल जा चुका है। इसके अलावा 2019 में एक करोड़ की रंगदारी मांगने में भी वो जेल चा चुका है। उसके खिलाफ आगरा के अलावा झांसी और इटावा में कुल छह मुकदमे दर्ज हैं।

12 लाख का सामान बरामद
पुलिस ने जब आरोपी के पास से माल बरामद किया तो उन्हें उम्मीद नहीं थी कि इतनी बड़ी मात्रा में बरामदगी होगी। आरोपी ट्रेनों से चोरी किए गए ट्राली बैग, सूटकेस और अन्य सामान को पैक करके बाजार में बेचता था।

पुलिस को आरोपी के पास से करीब 97 ग्राम सोने व 475 ग्राम चांदी के आभूषण, दो लैपटॉप, 112 ट्राली बैग, एक दर्जन से अधिक पर्स व बैग व कपडे़ बरामद हुए हैं। सभी सामान की अनुमानित कीमत करीब 12 लाख रुपए है।

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