कोरोना अपडेट: अगले 2 हफ्ते रोजाना 100 श्रमिक ट्रैन चलाने पर विचार कर रही सरकार

नई दिल्ली। देश मे कोरोना के कहर से हर कोई लाचार सा दिख रहा है जो दूसरे प्रदेशों में फंसा पड़ा है। इस बीच आज सरकार ने बड़ी खुशखबरी दी है। उल्लेखनीय है कि गृह मंत्रालय ने सोमवार को बताया कि अभी तक 468 श्रमिक स्पेशल ट्रेनों से देश के विभिन्न जगहों पर फंसे 5 लाख प्रवासी मजदूरों, छात्रों, सैलानियों को उनके घर तक पहुंचाया गया है।

मंत्रालय की संयुक्त सचिव पुण्यसलिला श्रीवास्तव ने कहा कि अब अगले 2 हफ्ते तक रोजाना कम से कम 100 श्रमिक स्पेशल ट्रेनें चलाने की तैयारी है। इसके लिए रणनीति तैयार की जा चुकी है। पैदल अपने घरों के लिए निकले लोगों को भी राज्य सरकारें बसों से उनके घर तक पहुंचाएंगी।

श्रीवास्तव ने बताया कि सभी राज्यों और केंद्र शासित राज्यों के मुख्य सचिवों और स्वास्थ्य सचिवों के साथ सोमवार को बैठक हुई है। इसमें सभी को निर्देश दिया गया है कि वह प्रवासियों मजदूरों को हर संभव सहायता प्रदान करें। उन्हें रेल की पटरियों का प्रयोग करने से रोकें। अगर ज्यादा संख्या में मजदूर पैदल चलते दिखें तो विशेष बस का प्रबंध कराकर उनके घर तक पहुंचाएं।

11 दिनों में रिकवरी रेट में 6% का इजाफा

स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने बताया कि पिछले 24 घंटे में 4213 केस बढ़े हैं। वहीं 1559 लोग ठीक हुए हैं। रिकवरी रेट में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। पिछले 11 दिनों में 6% का इजाफा हुआ है। 1 मई को रिकवरी रेट 25.37% था जो अब 31.5% पहुंच गया है।

अग्रवाल ने बताया कि कोरोना संक्रमितों के लिए नई गाइडलाइन जारी की है। इसके अनुसार जिन लोगों में कम लक्षण हैं उन्हें अगर तीन दिन बुखार नहीं आता है तो उन्हें अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया जाएगा। हालांकि ऐसे लोगों को सात दिनों तक आइसोलेशन में रखा जाएगा। वहीं जिन लोगों को पहले से एचआईवी जैसे इम्युनो समस्या हैं उन्हें पूरी तरह से ठीक होने के बाद ही डिस्चार्ज किया जाएगा।

आरोग्य सेतु एप अब 12 भाषाओं में, डेटा लीक होने की खबरें बेकार
केंद्र सरकार की ओर से बनाई गई एम पॉवर ग्रुप के चेयरमैन ने आरोग्य सेतु एप के बारे में जानकारी दी। बताया कि ये एप अब 12 भाषाओं में उपलब्ध है। अब तक इसके 9.8 करोड़ यूजर्स हैं। सबसे तेज 5 करोड़ यूजर्स बनने वाला दुनिया का पहला एप बन चुका है। ग्रुप के मुताबिक इस एप के जरिए 13 हजार लोग संक्रमितों की पहचान हो पाई है। इसके अलावा 1 लाख 40 हजार लोग ऐसे भी मिले जो संक्रमित लोगों की संपर्क में आए थे। ग्रुप ने एप के डेटा लीक की खबरों का खंडन किया। उन्होंने कहा कि आरोग्य सेतु से जुड़े डेटा किसी को नहीं दिया जाता। 30 दिन के भीतर आम यूजर्स के डेटा हटा दिया जाता है। जिनका टेस्ट किया जा रहा है उनका डेटा 45 दिन तक सर्वर पर रखा जाता है। जिनका इलाज चल रहा है उनका डेटा उनके ठीक होने तक तक रखा जाता है और उसके बाद हटा दिया जाता है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here