लखनऊ। उत्तर प्रदेश ही नहीं पूरे विश्व में कोरोनावायरस के असर के चलते बदलते वैश्विक परिवेश में अमेरिका की कई कंपनियां यूपी में निवेश करने की तैयारी में हैं। यूएस-इंडिया स्टेटिजिक पार्टनरशिप फोरम से जुड़े उद्यमियों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग संवाद के दौरान मंगलवार को कई अमेरिकी कंपनियों ने मेडिकल इक्यूपमेंट, डिजिटल पेमेंट तथा अन्य क्षेत्रों में निवेश करने में रूचि दिखाई। इस मौके पर सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने बताया कि कई कंपनियों ने इलेक्ट्रॉनिक्स, खाद्य प्रसंस्करण, स्वास्थ्य आदि क्षेत्रों में अपने निवेश को चीन से यूपी लाने में रुचि दिखाई है।
अमेरिकी उद्यमियों ने कोविड-19 से निपटने में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा उठाए गए कदमों की तारीफ भी की। राज्य के सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्यम तथा निर्यात प्रोत्साहन मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह, औद्योगिक विकास आयुक्त आलोक कुमार टंडन तथा प्रमुख सचिव सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम डा. नवनीत सहगल ने इस संवाद के दौरान प्रदेश में निवेशकों को दी जा रही सुविधाओं से अमेरिकी उद्यमियों को अवगत कराया। संवाद में अमेरिकी की 100 से ज्यादा कम्पनियों के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया।
उप्र में बेहतर निवेश को लेकर दिया गया प्रजेंटेशन
यूपी निवेश के लिए बेहतर है, इससे संबंधित प्रजेंटेशन भी प्रस्तुत किया गया। निवेशकों के लिए राज्य में कई सुविधाएंलोक भवन में आयोजित वीडियो कांफ्रेंसिंग के दौरान मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह कहा कि राज्य में करीब 90 लाख एमएसएमई उद्योग हैं। कुशल कारीगर अच्छी तादाद में उपलब्ध हैं। राज्य की कानून व्यवस्था उद्योगों के अनुकूल है। उद्योगों की स्थापना के लिए पर्याप्त भूमि, जल संसाधन और बेहतर माहौल है।
इस अवसर पर एडोब कंपनी के प्रतिनिधि रोहन मित्रा ने उत्तर प्रदेश में एडोब प्लांट की क्षमता बढ़ाने की बात कही। मास्टर कार्ड कम्पनी के प्रतिनिधि ने राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों की किराना दुकानों में डिजिटल पेमेंट की सुविधा उलपब्ध कराने की इच्छा जताई। दो अग्रिणी लाजिस्टिक कम्पनी यूपीएस और फ्रेडिक्स ने जेवर एयरपोर्ट पर लाजिस्टिक सेंटर बनाने में निवेश की इच्छा जताई। बोस्टन साइंटिक कम्पनी ने उत्तर प्रदेश में मेडिकल एक्यूपमेंट प्लांट लगाने के लिए निवेश की पेशकश की।