टोक्यो। कोरोना महामारी का अब अर्थव्यवस्था पर असर दिखने लगा है। पहले ही दुनिया भर के अर्थशास्त्री सिंगापुर के मंदी की चपेट में आने से चिंतित थे और जापान की हालत से उनकी चिंता और बढ़ गई है। दरअसल जापान का निर्यात बुरी तरह प्रभावित हुआ है। निर्यात दोहरे अंक में गिरा है। कोरोना वायरस के संक्रमण में आई तेजी के कारण वैश्विक कारोबार पर गहरा असर पड़ा है और वैश्विक मांग प्रभावित हुई है। फिलहाल पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्था मंदी में जाती दिख रही है।
जानकारों के मुताबिक जापान दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है और अगर यहां मंदी आती है तो दुनिया भर की आर्थिक स्थिति खराब होगी। वहीं चीन दुनिया की दूसरी बड़ी अर्थव्यवस्था है और यहां की भी हालत पतली है। जापान से कार और ऑटोपार्ट्स की मांग में भारी गिरावट आई है।
कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए मार्च में वैश्विक स्तर पर तालाबंदी की गई थी। तब से कार और अन्य टिकाऊ सामान की मांग में भारी गिरावट आई है। कारोबार बंद है और लोग घरों में रह रहे हैं। हालांकि कई देशों ने अपनी अर्थव्यवस्था खोली है लेकिन ऐसे आसार नहीं दिख रहे जिससे लगे कि तत्काल असर पड़ा रहा हो।
वर्तमान हालात पर नोरिनचकिन रिसर्च इंस्टिट्यूट में मुख्य अर्थशास्त्री ताकेशी मिनामी ने कहा है कि ‘निर्यात में उतार-चढ़ाव लंबे समय तक रहेगा। अमेरिका और अन्य कई देशों में कोरोना के बढ़ते मामलों के कारण स्थिति और विकट हो गई है। अगर घरेलू और विदेश मांग में इसी तरह से गिरावट जारी रही तो सप्लाई क्षमता बुरी तरह से बर्बाद हो सकती है। इससे दिवालियापन बढ़ेगा और लोगों की नौकरियां जाएंगी।Ó
जापान के विदेश मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक पिछले साल जून महीने की तुलना में इस साल के जून महीने में निर्यात में 26.2 प्रतिशत की गिरावट आई है। जापान के निर्यात में यह गिरावट अनुमान से भी ज़्यादा है। इससे पहले मई महीने में 28.3 प्रतिशत की गिरावट आई थी। जापान के निर्यात में गिरावट 2009 की मंदी से भी ज़्यादा है। जापान में यह गिरावट अमरीका से कम हुई मांग का बहुत बड़ा असर है।
2018 में अमरीका जापान का सबसे बड़ा निर्यात मार्केट था और इसके बाद चीन। जापान मुख्य रूप से कार, मोटर्स, कार पार्ट्स और चीप-मेकिंग मशीनरी का निर्यात करता है। चीन के साथ जापान के निर्यात में 0.2 प्रतिशत की गिरावट आई है। जापान से चीन जाने वाले सामानों में मुख्य रूप से चीप-मेकिंग मशीनरी और केमिकल मटीरियल्स हैं।
एशिया में जापान के निर्यात में 15.3 प्रतिशत की गिरावट आई है और यूरोपीय यूनियन में 28.4 प्रतिशत की। जापान से सामानों की मांग में आई गिरावट का असर वहां के तेल आयात पर भी पड़ा हैद्घ जून महीने में जापान में तेल का आयात 14.4 फीसदी कम रहा।