भुवनेश्वर। कोरोना को लेकर पूरी दुनिया के साथ भारत मे भी दहशत छाई हुई है। कोरोना वायरस से होने वाली बीमारी को राज्य सरकार ने डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट 2005 के तहत आपदा घोषित किया है। राज्य कैबिनेट की बैठक में यह निर्णय किया गया है।
मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने विधानसभा में बयान देते हुए कहा कि कोरोना की भयावहता को देखते हुए सभी को अधिक से अधिक सतर्कता बरतने की जरुरत है। इस कारण राज्य सरकार ने गंभीरता से लेते हुए इसे आपदा घोषित किया है। इसकी रोकथाम व मुकाबला के लिए दो सौ करोड़ रुपये की राशि का प्रावधान किया गया है। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य व परिवार कल्याण विभाग, निदेशालय व जिलाधिकारियों को इसके लिए आवश्यक दवाई, स्वास्थ्य उपकरण जैसे चीजों की खरीद के लिए प्राधिकृत किया गया है। इसी तरह किसी भी प्रकार के बडे समागम, एकत्रीकरण आदि को नियंत्रित करने के लिए कानून के अनुसार कदम उठाये जायेंगे।
उन्होंने बताया कि कोरोना के कारण उपजी स्थिति पर नजर रखने तथा इसे रोकने के लिए आवश्यक कदम उठाने के लिए एम्पावार्ड ग्रुप ऑफ मिनिस्टर तथा मुख्य सचिव की अध्यक्षता में सचिवों की एक कमेटी का गठन किया गया है। उन्होंने कहा कि सामाजिक दूरी को बना कर रखने से ही इसे रोका जा सकता है। उन्होंने कहा कि इसे ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार ने समस्त शिक्षण संस्थानों को आगामी 31 मार्च तक बंद रखने का निर्णय किया है। केवल जहां परीक्षाएं चल रही हैं, वही शिक्षण संस्थान खुले रहेंगे। उन्होंने कहा कि गैरजरुरी सरकारी एकत्रीकरण, सेमिनार, कार्यशाला व सम्मेलनों पर रोक लगा दी गई है। उन्होंने कहा कि धार्मिक एकत्रीकरण, विवाह भोज, पार्टी आदि को स्थानीय अधिकारी नियंत्रित करेंगे। इसी तरह स्विमिंग पुल, सिनेमा हाल व जिम आदि को आगामी 31 मार्च तक बंद करने का निर्देश दिया गया है।