वॉशिंगटन। अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने एक बार फिर कोरोनावायरस के लिए चीन को जिम्मेदार ठहराया। पोम्पियो ने कहा- इसमें कोई दो राय नहीं है कि चीन ने कोरोनावायरस फैलाया और फिर इस साजिश पर पर्दा डालने की कोशिश की। पोम्पियो ने दुनिया के देशों को भारत से सीख लेने की सलाह दी। कहा- हमारे सामने भारत की मिसाल है। उसने चीन के ऐप्स समेत बाकी सामानों को बैन कर दिया।
अमेरिका के साथ आएं बाकी देश
एक टीवी चैनल को दिए इंटरव्यू में ट्रम्प एडमिनिस्ट्रेशन के इस तेजतर्रार मंत्री ने चीन को घेरा। कहा- कोरोनावायरस के प्रसार के लिए चीन के अलावा कोई जिम्मेदार नहीं है। दुनिया के बाकी देशों को अमेरिका का साथ देना चाहिए ताकि हम मिलकर चीन की जवाबदेही तय कर सकें। उसने अपनी साजिश को छिपाने के लिए कई झूठ बोले।
भारत और ऑस्ट्रेलिया बेहतरीन उदाहरण
एक सवाल के जवाब में पोम्पियो ने कहा- चीन को जिम्मेदार ठहराने के मामले में हम आगे बढ़ रहे हैं। हमारे सामने दो देशों के बेहतरीन उदाहरण हैं। दुनिया अब चीन को पीछे धकेलना चाहती है। आप ऑस्ट्रेलिया को देखिए। उसने चीन को सही जवाब दिया। भारत को देखिए। उसने चीनी ऐप्स को बैन कर दिया। उनका सामान खरीदने से इनकार कर दिया। बाकी देशों को भी अब यही करना चाहिए। बहुत सीधा मामला है। यह वायरस चीनी है, यह वुहान से निकला वायरस है। चीन इस पर पर्दा डालने की साजिश रच रहा है।
ऐसा फैला वायरस
पोम्पियो ने आगे कहा- चीन को वायरस के बारे में सब पता था। इसके बावजूद उसने अपने नागरिकों को दूसरे देशों में जाने की मंजूरी दी। इससे वायरस फैलता गया। उसको दुनिया को वायरस के बारे में जानकारी देकर अलर्ट करना चाहिए था। आज लाखों लोग इसकी वजह से मारे गए हैं। अर्थ व्यवस्था चरमरा गई हैं। अब दुनिया को चाहिए कि वो चीन को जिम्मेदार ठहराए।
पोम्पियो ही नहीं, राष्ट्रपति ट्रम्प और प्रेसिडेंट इलेक्ट जो बाइडेन भी कोविड-19 को लेकर चीन पर हमलावर रहे हैं। ट्रम्प ने तो साफ कहा था कि चीन ने जानबूझकर यह वायरस फैलाया और इसकी आड़ में छोटे देशों पर हमले की साजिश रची। बाइडेन ने चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग को ठग बताया था।