नई दिल्ली। कोरोना के बढ़ते मामले को देखते हुए अब सड़क पर मोबाइल लैब की सुविधा बहाल कर दी गई है। गुरुवार को केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने मोबाइल लैब की शुरुआत की जो ग्रामीण इलाकों के साथ स्लम क्षेत्र में कोरोना की जांच के लिए उपयोग में लाई जाएगी। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से उन्होंने मोबाइल लैब की शुरुआत की। इस मौके पर उन्होंने इसके निर्माण से जुड़े सभी विशेषज्ञों को बधाई दी।
डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि कोरोना को हराने के लिए टेस्ट की क्षमता को बढ़ाना बेहद जरूरी है। इस काम में लैब काफी मददगार साबित हो सकते हैं। खासकर मोबाइल लैब जो ग्रामीण क्षेत्रों, दूरदराज के इलाकों में जा कर लोगों की जांच कर सकते हैं।
देश में पांच लाख टेस्ट प्रतिदिन करने की क्षमता
डॉ हर्षवर्धन ने कहा कि देश ने अब 5 लाख टेस्ट प्रतिदिन की क्षमता विकसित कर ली है। देश के कोने-कोने में टेस्ट की सुविधा बहाल करने में मोबाइल लैब कामयाब रहेंगी। इस काम में आईसीएमआर, साइंस एंड टेक्नॉलजी विभाग अच्छा काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि आज का दिन महत्वपूर्ण है क्योंकि हम मेक इन इंडिया के तहत स्वदेश में किट्स तैयार कर रहे हैं। आने वाले दिनों में ऐसे 50 और मोबाइल लैब विकसित किए जा सकेंगे जिससे दूर दराज के इलाकों में भी स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराई जा सकेंगी।
विशाखापटनम में तैयार किया गया मोबाइल लैब
विशाखापटनम स्थित एएमटीजेड और इंडियन मल्टीनेशनल ट्रांससिया बायोमिकल ने मोबाइल लैब को आठ दिन के अंदर तैयार किया। इस लैब में आरटीपीसीआर टेस्ट के साथ एलीसा टेस्ट करने की सुविधा है। इस मोबाइल लैब में 1-5 आरटीपीसीआर टेस्ट मशीन लगाई गई हैं और प्रत्येक मशीन में एक बार में 100 सैंपल की जांच ढाई घंटे में किए जा सकते हैं। इसके साथ इस लैब में 2000 एलीसा टेस्ट किए जा सकते हैं।
मोबाइल वैन को इस तरह से डिजाइन किया गया है कि यह ग्रामीण इलाकों और दूर दराज के इलाकों में भेजी जा सकती हैं। इसे बनाने में एक करोड़ रुपये की लागत आई है।
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