हांगकांग। कोरोना वायरस पूरी दुनिया में लगातार कहर बरपा रहा है। चीन से निकला कोरोना पहले यूरोप के देशों में तबाही मचायी, इसके बाद कोरोना यूरोप के देशों से होता हुआ भारत तक जा पहुंचा। कोरोना के कहर से अमेरिका जैसा ताकतवर देश भी नहीं बच सका। पूरी दुनिया में 1.27 करोड़ लोग संक्रमित हो चुके हैं और छह लाख से अधिक लोगों की जान जा चुकी है।
आखिर कहां से आया कोरोना वायरस और क्यों दुनिया भर में इसको लेकर मचा है हड़कंप? कयास लगाया जा रहा है कि कोरोना को फैलाने में चीन का हाथ है। हालांकि चीन इस बात से इनकार भी कर चुका है। इतना ही नहीं कोरोना को लेकर अमेरिका चीन पर हमला बोल रहा है। चीन पर आरोप है कि कोरोना को लेकर उसने दुनिया को गुमराह किया है और सच्चाई को छिपाकर रखा है।
हांगकांग से जान बचाकर अमेरिका पहुंचीं एक वैज्ञानिक ने भी चीन की पोल खोलकर रख दी है। हांग-कांग स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ में वायरोलॉजी और इम्यूनोलॉजी की विशेषज्ञ लि-मेंग यान ने चीन को लेकर बड़ा बयान दिया है और कहा है कि कोरोना वायरस को लेकर चीन पहले से ही जानता था लेकिन उसने इसे छुपाया है।
इतना ही नहीं महामारी की शुरुआत में उनकी रिसर्च को उनके सुपरवाइजर्स ने भी इग्नोर किया, जोकि इस फील्ड के दुनिया के टॉप एक्सपर्ट हैं। वह मानती हैं कि इससे लोगों की जिंदगी बचाई जा सकती थी।
उन्होंने कहा कि चीन सरकार ने विदेशी और यहां तक की हांगकांग के विशेषज्ञों को रिसर्च में शामिल करने से इनकार कर दिया। उन्होंने आगे बताया कि वुहान के डॉक्टरों और शोधकर्ताओं ने चुप्पी साध ली है और दूसरों को चेतवानी दी गई कि उनसे ब्योरा ना मांगें। उन्होंने इसके साथ यह भी कहा कि कोई भी इसके बारे में बात नहीं कर सकता है लेकिन मॉस्क लगाना जरूरी है।
यान ने कहा कि बहुत मुश्किल से वहां से भागी है। उन्होंने कहा किसी तरह से 28 अप्रैल को अमेरिका पहुंची सकी। उन्होंने कहा कि इस दौरान उनके पास केवल पॉसपोर्ट और पर्स था और अमेरिका जाने से पहले उन्होंने सबकुछ छोड़ दिया था। उन्होंने कहा कि अगर वो अमेरिका नहीं पहुंचती थी तो उनको जेल में डाल दिया जाता था या फिर गायब कर दिया था। बता दें कि पूरी दुनिया में कोरोना खतरनाक होता जा रहा है लेकिन चीन अपनी गलती नहीं मान रहा है।