कोरोना महामारी ने बदल कर रख दी है दुनियाभर के माता-पिताओं की जिंदगी

न्यूयॉर्क। कोरोना संकट ने दुनियाभर के माता-पिता की जिंदगी बदल दी है। माता-पिता पर सबसे ज्यादा स्कूलों और कामकाजी स्थलों के बंद होने का असर पड़ा है। खासकर मां इससे ज्यादा प्रभावित हो रही हैं। अमेरिका के जनवरी 2021 तक के आंकड़े चिंताजनक हैं।

2020 में अमेरिका में 13 साल से कम उम्र के बच्चों की 15 लाख मांओं (8%) को कामकाज छोड़ना पड़ा, जबकि सामान्य कामकाजी महिलाओं के मामले में यह आंकड़ा 5.3% है। इसी तरह 13 साल से कम उम्र के बच्चों वाले 5.6% पिता को काम छोड़ना पड़ा।

अमेरिकन साइकोलॉजिकल एसोसिएशन (एपीए) के मुताबिक अमेरिका में कोरोना संकट के दौरान माता-पिता अन्य लोगों की तुलना में ज्यादा परेशान हुए हैं। यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन से जुड़े एलिस पॉल भी कहते हैं कि ब्रिटेन में कई माता-पिता उच्च स्तर की चिंताओं, तनाव और अवसाद से जूझ रहे हैं। इनमे बड़ी चिंता परिवार की आर्थिक स्थिति में गिरावट की है।

उधर, जर्मनी की कथरीना बोशे पेशे से वकील और तीन बच्चों की मां हैं। कहती हैं, ‘कुछ दिनों में ही सबकुछ हाथ से निकल गया। बेटियों के स्कूल 14 महीने तक बंद रहे। कभी-कभी कुछ समय के लिए खुले भी। लेकिन इससे हमारी दिनचर्या पूरी तरह बदल गई। बेटियों की ऑनलाइन पढ़ाई में मदद करनी पड़ी। अपने काम के लिए शांतिपूर्ण समय की जरूरत थी। ऐसे में मैं देर रात या सुबह 4 बजे से 8 बजे के बीच काम करती थी।

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