मॉस्को। दुनिया में कोरोना मरीजों का आंकड़ा 10.69 करोड़ से ज्यादा हो गया। 7 करोड़ 88 लाख से ज्यादा लोग ठीक हो चुके हैं। अब तक 23 लाख 35 हजार से ज्यादा लोग जान गंवा चुके हैं। ये आंकड़े www.worldometers.info/coronavirus के मुताबिक हैं। महामारी से हुई मौतों को लेकर चीन के बाद अब रूस भी शक के घेरे में आ गया है। दरअसल, एक एजेंसी ने जो नए आंकड़े जारी किए हैं, उनमें रूसी सरकार द्वारा दिए गए आंकड़ों की तुलना में मरने वालों की संख्या ज्यादा है।
सरकारी आंकड़ों पर सवालिया निशान
रूस में कोविड-19 से मरने वालों का आंकड़ा उससे ज्यादा हो सकता है जो सरकार ने जारी किया है। कम से कम रोस्टेट एजेंसी द्वारा जारी फिगर्स से तो यही अंदाजा लगता है। इसके मुताबिक, रूस में पिछले साल अप्रैल से दिसंबर के बीच कुल 1 लाख 62 हजार 429 लोगों की मौत हुई।
हालांकि, रूस सरकार ने सोमवार को जो आंकड़े दिए, उनके मुताबिक देश में अब तक कुल 77 हजार 68 लोगों की मौत संक्रमण से हुई। वहीं, जॉन हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी के मुताबिक, रूस में अब तक कुल 75 हजार 828 लोगों की मौत वायरस से हुई है।
एस्ट्राजेनिका को खारिज न करें
WHO ने कहा है कि महामारी के खिलाफ जंग में एस्ट्राजेनिका वैक्सीन अहम रोल निभा सकती है। संगठन का यह बयान ऐसे वक्त आया है जबकि साउथ अफ्रीका ने इसे नए वैरिएंट के खिलाफ कमजोर करार देते हुए इसके इस्तेमाल पर रोक लगा दी है। WHO ने कहा- यह पूरी तरह जल्दबाजी वाला फैसला है। इतने शुरुआती दौर में वैक्सीन को खारिज नहीं किया जा सकता। कहा जा रहा है कि 65 साल से ज्यादा उम्र के लोगों पर यह कारगर साबित नहीं हुई।
यह मामला इसलिए बढ़ा
ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका की कोरोना वैक्सीन को लेकर एक स्टडी में चौंकाने वाला खुलासा हुआ। मालूम चला है कि ये वैक्सीन कोरोना के नए स्ट्रेन पर ज्यादा असरदार नहीं हैं। वैज्ञानिकों ने रिपोर्ट में वैक्सीन को ‘निराशाजनक’ बताया है। इसके बाद साउथ अफ्रीका की सरकार ने वैक्सीन की सप्लाई पर रोक लगा दी है।
यहां के स्वास्थ्य मंत्री ज्वेली माखिसे ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके इसकी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि एस्ट्राजेनेका की तरफ से साउथ अफ्रीका को 10 लाख डोज मिल चुके हैं। वैक्सीनेशन की प्रक्रिया भी शुरू हो चुकी है, लेकिन वैज्ञानिकों की स्टडी के बाद आगे की सप्लाई को होल्ड कर दिया गया है। ज्वेली ने बताया कि साउथ अफ्रीका में 90% केस कोरोना के नए स्ट्रेन के ही हैं। ऐसे में अगर वैक्सीन ही असरदार नहीं होगी तो उसे लेने का फायदा नहीं है।
फ्रांस में फिर हालात बिगड़ने लगे
फ्रांस सरकार ने करीब दो महीने के लॉकडाउन के बाद तमाम प्रतिबंध धीरे-धीरे हटाने शुरू कर दिए थे। हालात बहुत हद तक काबू में भी आने लगे थे, लेकन अब दिक्कतें फिर बढ़ने लगी हैं। यहां लगातार दूसरे दिन मरने वालों का आंकड़ा बढ़ा। सोमवार को यहां कुल मिलाकर 458 लोगों की संक्रमण के चलते मौत हो गई। इसके एक दिन पहले यानी सोमवार को भी करीब इतने ही लोगों की मौत हुई थी।