कोरोना वायरस इफेक्ट: इस बार काफी देरी सितंबर से शुरू हो सकता है नया स्टडी सत्र

देश में इस वक्त कहर बरपा रही महामारी कोरोना वायरस की वजह से पैदा हुए हालातों को देखते हुए इस बार शैक्षणिक सत्र जुलाई के बजाए सितंबर से शुरू किया जा सकता है।

इस बात की सिफारिश खुद विश्वविद्यालय अनुदान आयोग की तरफ से नियुक्त पैनल ने की है। इस पैनल का कहना है कि कोरोना महामारी को देखते हुए इस साल नया शैक्षणिक सत्र जुलाई की जगह सितंबर से शुरू होना चाहिए।

यूजीसी ने शैक्षणिक नुकसान और ऑनलाइन शिक्षा के मुद्दों पर नजर रखने के लिए दो समितियों का गठन किया था। इन दोनों ही समितियों का गठन कोरोना वायरस की स्थिति के मद्देनजर किया गया था।

इनमें से एक समिति हरियाणा विश्वविद्यालय के कुलपति आरसी कुहाड़ की अगुवाई वाली है, जबकि दूसरी समिति इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय के वीसी नागेश्वर राव की अगुवाई वाली है। इन दोनों ही समितियों ने शुक्रवार को मानव संसाधन विकास मंत्रालय को अपनी रिपोर्ट दी है।

इसके तहत पहली पैनल यानी कि हरियाणा यूनिवर्सिटी के वीसी ने लॉकडाउन के बीच परीक्षाएं कराने और वैकल्पिक शैक्षणिक कैलेंडर की बात कही, जबकि दूसरी समिति यानी कि इग्नू के वी-सी नागेश्वर राव ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि नया शैक्षणिक सत्र सितंबर से जुलाई से शुरू किया जाना चाहिए।

इसके अलावा दूसरे पैनल ने सुझाव दिया है कि विश्वविद्यालयों को ऑनलाइन परीक्षा आयोजित करनी चाहिए। लेकिन अगर उनके पास उनके सभी बुनियादी सुविधाएं हों, अगर ऐसा नहीं है तो फिर लॉकडाउन के खत्म होने का इंतजार करें। लॉकडाउन खुलने के बाद ऑफलाइन परीक्षाओं का शेड्यूल घोषित करें। हालांकि अभी इस संबंध में अभी यूजीसी की तरफ से कोई फैसला नहीं लिया गया है।

इसमें शैक्षणिक सत्र को जुलाई की जगह सितंबर में कराने का सुझाव दिया गया है। हरियाणा यूनिवर्सिटी के वीसी वाली समिति ने लॉकडाउन के बीच परीक्षाएं कराने और वैकल्पिक शैक्षणिक कैलेंडर की बात कही है।

वहीं, नागेश्वर राव के नेतृत्व वाली समिति ने नये शैक्षणिक सत्र को सितंबर से शुरू कराने की बात की है। मानव संसाधन विकास मंत्रालय इन दोनों ही रिपोर्टों का अध्ययन कर अगले हफ्ते आधिकारिक दिशा-निर्देश जारी करेगा।

वहीं इस संबंध में मानव संसाधन विकास मंत्रालय के अधिकारियों का कहना है कि अब दोनों रिपोर्टों का अध्ययन किया जाएगा। इसके बाद अगले सप्ताह तक इस संबंध में आधिकारिक दिशा निर्देश अगले सप्ताह तक जारी किए जाने की उम्मीद है। इस बारे में एक अधिकारी ने कहा, “यह जरूरी नहीं है कि सभी सिफारिशों को स्वीकार किया जाएगा। उस वक्त के हालातों को ध्यान में रखते हुए भी कोई फैसला लिया जाएगा।

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