कोरोना वायरस का नया स्ट्रेन नहीं डालता सूंघने की क्षमता पर कोई असर

लंदन। कोरोना वायरस के नए स्ट्रेन से संक्रमित होने के बाद गले में परेशानी, खांसी, बुखार, सुस्ती तो होती है लेकिन इससे स्वाद और सूंघने की क्षमता में कोई प्रभाव नहीं पड़ता है। ब्रिटेन में हुए एक सर्वे में यह जानकारी दी गई है। दिसम्बर 2020 में साउथ ईस्ट इंग्लैंड में इस वैरिएंट का पहला मामला सामने आया था। इस नए वैरिएंट के बारे में विशेषज्ञों का कहना है कि यह अधिक संक्रामक है।

कोविड-19 के इस नए वैरिएंट के कारण मौत का आंकड़ा भी बढ़ रहा है। हालांकि अभी तक यह नहीं पता चला है कि होने वाली मौत के पीछे का कारण कोरोना वायरस का नया स्ट्रेन ही है।

ब्रिटेन की नेशनल स्टैटिक्स ऑफिस  (ओएनएस) ने बताया कि देश में कोविड-19 के पहले वैरिएंट व नए वैरिएंट से संक्रमण के बीच अंतर को देख जा  रहा है।  ओएनएस ने 15 नवम्बर, 2020 से 16 जनवरी 2021 की अवधि में इंग्लैंड के लोगों को लेकर किए गए एक विश्लेषण में बताया, ‘नए वैरिएंट से संक्रमितों में स्वाद व सूंघने की क्षमता प्रभावित नहीं होती है।’

हाल में ही  ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने एक प्रेस कान्फ्रेंस में कहा कि ऐसे सबूत मिले हैं, जो कोरोना वायरस के नए स्ट्रेन के ज्यादा घातक और जानलेवा होने की पुष्टि करते हैं।

प्रमुख वैज्ञानिक पैट्रिक वैलांस ने कहा कि नया वैरिएंट पहले की तुलना में 30 फीसद अधिक घातक है। उन्होंने बताया  कि 60 साल के उम्र के व्यक्तियों में से पहले 1000 मरीजों में 10 की मौत को लेकर संभावना थी लेकिन नए वैरिएंट से 1000 में से 13-14 मरीजों की मौत का अनुमान है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here