वॉशिंगटन। कोरोना संकट में पूरी दुनिया फंसी पड़ी है। उल्लेखनीय है कि ये वायरस चीन की वुहान लैब से निकला बताया जा रहा है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने कोरोनावायरस को लेकर चीन पर फिर से निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि कोरोनावायरस, पर्ल हार्बर पर हुए हमले से भी बड़ा संकट है। यह महामारी चीन से ज्यादा अमेरिका की दुश्मन है। जापान ने दूसरे विश्वयुद्ध के समय 7 दिसंबर 1941 को अमेरिका के नेवी बेस पर्ल हार्बर पर हमला किया था, जिसमें करीब ढाई हजार लोगों की जान गई थी।लेकिन, इससे कई गुना ज्यादा नुकसान कोरोना की वजह से हो चुका है।
अमेरिका महामारी को लेकर चीन के खिलाफ सख्त कार्रवाई की बात कर रहा है। उसका आरोप है कि चीन की लापरवाही की वजह से वायरस दुनियाभर में फैला। वायरस की शुरुआत चीन के वुहान शहर से हुई थी। कोरोना वायरस से अमेरिका में अब तक 12 लाख से ज्यादा लोग संक्रमित हैं, जबकि 75 हजार से ज्यादा मौतें हो चुकी हैं। वहीं, चीन का कहना है कि अमेरिका संक्रमण से निपटने में अपनी नाकामी से लोगों का ध्यान भटकाना चाहता है।
ट्रम्प ने बुधवार को कहा कि कोरोना के जरिए हमारे देश पर अब तक का सबसे बड़ा हमला हुआ है। इसे वहीं रोका जा सकता था, जहां से इसकी शुरुआत हुई। लेकिन चीन ने ऐसा नहीं किया। मैं नहीं जानता वायरस यहां कैसे पहुंचा। मैं किसी अदृश्य दुश्मन को युद्ध की तरह ही देखता हूं। अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने भी कहा कि कोरोना वुहान के लैब से ही निकला है। हमारे पर इसके पर्याप्त सुबूत हैं।
चीन की सरकारी मीडिया ने अमेरिका पर झूठ बोलने का आरोप लगाया है। अमेरिका के प्रमुख हेल्थ एक्सपर्ट एंथनी फॉसी ने भी सोमवार को कहा था कि कोरोनावायरस किसी लैब से नहीं बल्कि नेचर (प्रकृति) से डेवलप हुआ है।
अमेरिका में नवंबर में राष्ट्रपति चुनाव होने हैं। इस बार ट्रम्प को अमेरिका की गिरती अर्थव्यवस्था की वजह से कड़ी टक्कर मिल सकती है। लेकिन, कोरोना का मुद्दा गरमाने के बाद अर्थव्यवस्था का मुद्दा दब गया है। पिछले महीने के एक ओपिनियन पोल में यह बात सामने आई थी कि इस समय अमेरिका की दो-तिहाई आबादी चीन से नाराज है। साथ ही ये भी मानते हैं कि ट्रम्प ने महामारी से निपटने में देरी की। डेमोक्रेटिक उम्मीदवार जो बिडेन ने इसे चुनावी मुद्दा बना दिया है। वहीं, ट्रम्प उन्हें ‘बीजिंग बिडेन’ कहकर चीन का समर्थक बता रहे हैं।