नई दिल्ली। कोरोनावायरस से निपटने में गूगल सरकार की मदद करेगा। वैश्विक स्तर पर अपने उपभोक्ताओं की लोकेशन को प्रकाशित कर यह पता लगाया जाएगा कि कोरोनवायरस के कारण जो सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखने की बात कही गई है उसका कितने प्रभावी ढंग से पालन किया जा रहा है।
131 देशों के उपभोक्ताओं (यूजर्स) का लोकेशन डेटा एक विशेष वेबसाइट के जरिए उपलब्ध कराया जाएगा। इसमें उपभोक्ता के पार्क, दुकान, घर, कार्यस्थल आदि जगहों पर आने जाने का डेटा शामिल होगा। साथ ही भूगोल की सहायता से समय के अनुसार आनेजाने की स्थिति अंकित हो जाएगी। प्रतिशत के अनुसार कमी और बढ़ोतरी को प्रदर्शित किया जाएगा।
गूगल मैप्स के अध्यक्ष जेनफिट्जपैट्रिक और गूगल की मुख्य स्वास्थ्य अधिकारी (चीफ हेल्थ आफिसर) करेन डिसाल्वो की पोस्ट में कहा गया है कि उन्हें उम्मीद है कि यह रिपोर्ट्स कोविड-19 (कोरोनावायरस) वैश्विक महामारी के चलते प्रबंधों के संबंध में निर्णय लेने में सहायक होगी। साथ ही जरूरी दौरों में बदलावों को समझने में भी मदद मिलेगी। इसके साथ ही कामकाजी घंटों पर अनुशंसाओं को विकसित करने और डिलीवरी सेवाओं को अपने सुझाव देने में भी सहायक साबित हो सकती है।
जिस प्रकार से ट्रैफिक जाम का पता लगाने के लिए गूगल मैप का प्रयोग किया जाता है उसी तरह से यह नई रिपोर्ट उन यूजर्स का डेटा उपलब्ध कराएगी जिन्होंने अपनी लोकेशन हिस्ट्री को एक्टिवेट किया हुआ हो। हालांकि किसी भी उपभोक्ता का ऐसे डेटा जिससे व्यक्ति की पहचान हो, कॉन्टैक्ट मूवमेंट आदि की जानकारी नहीं दी जाएगी।
उल्लेखनीय है कि चीन, सिंगापुर और इजराइल में कोरोनावायरस महामारी के कारण लोगों पर इलेक्ट्रॉनिक तरीके से निगरानी की जा रही है, जिससे इसे फैलने से रोका जा सके। अमेरिका और यूरोप में स्मार्टफोन का डेटा शेयर किया जा रहा है। जर्मनी में स्मार्टफोन एप के जरिए बीमारी के प्रसार को प्रबंधित करने पर विचार किया जा रहा है।