औरैया। कोरोना वायरस के चलते जहां लोग अपने सगे संबंधियों और अपनों से भी दूरी बनाने में गुरेज नहीं कर रहे हैं। वहीं जनपद निवासी एक युवा डॉक्टर दंपति ऐसा है जो लगातार अपने जान की परवाह किये बिना लोगों के इलाज में जुटे हैं। कोरोना वायरस संकट के इस दौर में चिकित्सा कर्मियों की भूमिकाएं बेहद अहम हो गई हैं।
जनपद औरैया निवासी और हरियाणा में कार्यरत महिला सर्जन डॉक्टर रुचि ने वैश्विक महामारी के खिलाफ समाज की जंग में अपनी भूमिका से पीछे न हटने का फैसला कर मिसाल कायम की है। वह अपने परिवार और छोटी बच्ची की परवाह न करते हुए कोरोना पॉजिटिव गर्भवती महिला का सफल ऑपरेशन किया, जो कि संभवता हरियाणा राज्य का पहला ऐसा ऑपरेशन हुआ होगा।
जानकारी हो कि, औरैया जनपद की रहने वाली और हरियाणा के महाराजा अग्रसेन मेडिकल कॉलेज अग्रोहा में तैनात चिकित्सक गायनी स्पेसिलिस्ट डॉ. रुचि ने कोविड पॉजिटिव एक महिला का सफल ऑपरेशन करके चिकित्सा जगत में एक नई मिसाल कायम की है।
यही कारण है कि लोग उन्हें रियल कोरोना वारियर्स कहने से नहीं चूक रहे हैं। वहीं डॉ. रुचि के पति और बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. ब्रजेंद्र ने बताया कि डॉ. रुचि द्वारा ऑपरेट किये गए जच्चा और बच्चा दोनों स्वस्थ हैं और रुचि अपने घर और बच्चे से दूर रहकर हॉस्पिटल में ही कोरेंटाइन है। साथ ही उनकी पहली कोरोना रिपोर्ट के निगेटिव आते ही वह अब घर अपनी बच्ची के पास लौटेंगी। इस दौरान डॉ. ब्रजेंद्र अपनी डॉक्टरी पेशे की जिम्मेदारी निभाने के साथ ही अपनी छोटी बच्ची की पूरी जिम्मेदारी निभा कर उसके लिए मां की कमी को पूरा करने का प्रयास कर रहे हैं।
मानवता की मिसाल हैं डॉ. दंपति
समाज में कुछ वर्ग विशेष महत्व रखते हैं उनमें से एक वर्ग डॉक्टरों का भी है। हाल ही में आयी वैश्विक महामारी के दौरान सीमित संसाधनों के बल पर जिस तरह इस डॉक्टरों ने जी—जान लगा कर कोरोना से जंग जीती है, उसे शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता। ऐसे ही वास्तविक कोरोना वारियर्स हैं जनपद के डॉ. दंपति डॉ ब्रजेंद्र और डॉ. रुचि हैं। डॉ. रुचि के पति और जनपद औरैया निवासी डॉ. ब्रजेंद्र भी बाल रोग विशेषज्ञ हैं।
जनपद से इतने दूर होने के बाद भी यह डॉक्टर दंपति समाजसेवा की मिसाल कायम किये हैं। आज भी व्यस्त समय होने के बाद भी लोगों को यह फोन पर सलाह देने में भी संकोच नहीं करते हैं। वहीं, गृह जनपद आने पर न केवल इस डॉ. दंपति द्वारा लोगों को डॉक्टरी सलाह दी जाती है, बल्कि गरीब, असहाय वर्ग को इनके द्वारा मुफ्त दवा भी उपलब्ध करा दी जाती है।