नई दिल्ली। कोरोना संकट और लॉकडाउन के कारण से देश की इकोनॉमी लगातार गिरती जा रही है। इस कारण से राजस्व का भारी नुकसान तो हुआ ही है, सरकार का खर्च भी बढ़ा है। इस हालात का प्रभाव सरकार की नई योजनाओं पर पड़ने लगा है। दरअसल, केंद्र सरकार ने नई योजनाओं की शुरुआत पर रोक लगा दी है। वित्त मंत्रालय ने विभिन्न मंत्रालयों और विभागों द्वारा अगले मार्च, 2021 तक स्वीकृत नई योजनाओं की शुरुआत को रोक दिया है।
कोरोना की लड़ाई में आर्थिक संकट से जूझ रहे वित्त मंत्रालय ने वित्त वर्ष 2020-21 के लिए किसी नई योजना की शुरुआत पर रोक लगा दी है। ये रोक उन योजनाओं पर हैं जो स्वीकृत या मूल्यांकन श्रेणी में हैं। यह आदेश उन योजनाओं पर भी लागू होगा जिनके लिए वित्त मंत्रालय के व्यय विभाग ने सैद्धांतिक अनुमोदन दे दिया है।
केंद्र ने GST मुआवजे के रूप में राज्यों को 36400 करोड़ रुपये जारी किए
कोरोनावायरस के प्रकोप के बीच राज्यों को राहत मुहैया कराने के एक कदम के तहत वित्त मंत्रालय ने दिसंबर 2019 से फरवरी 2020 की अवधि के जीएसटी मुआवजे के रूप में राज्यों को 36,400 करोड़ रुपये जारी कर दिए हैं।
इसके साथ ही केंद्र ने वित्त वर्ष 2019-20 के लिए राज्यों के बकाया पूरे जीएसटी मुआवजे को जारी कर दिया है, और फरवरी का अतिरिक्त मुआवजा भी दे दिया है, जिसकी गणना मौजूदा वित्त वर्ष 2021 में होनी है।
केंद्र ने राज्यों को मुआवजा ऐसे समय में जारी किया है, जब वे लॉकडाउन और कारोबार पर उसके असर के कारण अप्रैल और मई में जीएसटी संग्रह में भारी गिरावट का सामना कर रहे हैं। कुछ राज्यों ने कहा है कि उनके अप्रैल जीएसटी संग्रह में 85-90 प्रतिशत तक की गिरावट हुई है।
वित्त मंत्रालय के एक बयान में कहा गया है, “कोविड-19 के कारण मौजूदा परस्थिति को ध्यान में रखते हुए, जहां राज्य सरकारों को अपने खर्च चलाने की जरूरत है, वहीं उनके संसाधनों पर विपरीत असर पड़ा है, केंद्र सरकार ने राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को दिसंबर 2019 से फरवरी 2020 तक की अवधि के लिए जीएसटी मुआवजे के रूप में 36,400 करोड़ रुपये आज चार जून, 2020 को जारी कर दिए। अप्रैल से नवंबर की अवधि तक के जीएसटी मुआवजे के रूप में केंद्र ने कई चरणों में 1,15,096 करोड़ रुपये पहले ही जारी कर दिए हैं।