कोरोना संकट के कारण दुनिया भर में गंवानी पड़ सकती हैं 25 करोड़ नौकरियां

न्यूयार्क। माइक्रोसॉफ्ट के प्रेसीडेंट ब्रैड स्मिथ का कहना है कि कोविड-19 महामारी के कारण पूरी बड़ी चुनौतियों का सामना कर रही है। इससे दुनियाभर में करीब 25 करोड़ लोगों को अपनी नौकरी गंवानी पड़ सकती है। ब्रैड स्मिथ का कहना है कि अर्थव्यवस्थाएं डिजिटाइजेशन की दौड़ में शामिल हो गई हैं। ऐसे में लोगों को नौकरी पाने के लिए नए कौशल को सीखने की जरूरत है।

ढाई करोड़ लोगों को डिजिटल की ट्रेनिंग दे रहा है माइक्रोसॉफ्ट

माइक्रोसॉफ्ट ने पिछले महीने दुनिया के 25 मिलियन यानी ढाई करोड़ लोगों को साल के अंत तक नया डिजिटल कौशल हासिल करने में मदद करने के लिए एक नई वैश्विक पहल करने की घोषणा की थी। इससे लोगों को स्किल बढ़ाने और नौकरी ढूंढ़ने में मदद मिलेगी। इस कार्य के लिए माइक्रोसॉफ्ट अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म लिंक्ड-इन की भी मदद लेगी।

कई नौकरियां डिजिटल प्रशिक्षण से अलग होंगी

स्मिथ का मानना है कि कई देशों में कई प्रकार की नौकरियां डिजिटल के प्रशिक्षण से अलग होंगी। उनके मुताबिक, यह सत्य है कि पूरी दुनिया में काम की प्रकृति अलग-अलग है। ऐसे में सभी नौकरियां डिजिटाइज नहीं हो सकती हैं। खासतौर पर विकासशील देशों में ऐसा नहीं हो सकता है। माइक्रोसॉफ्ट अपने ट्रेनिंग कार्यक्रम पर 20 मिलियन डॉलर की राशि खर्च करेगी।

हम इंटरनेट की असमानता वाली दुनिया में रह रहे हैं: स्मिथ

माइक्रोसॉफ्ट के प्रेसीडेंट ब्रैड स्मिथ का कहना है कि हम इंटरनेट की असमानता वाली दुनिया में रह रहे हैं। यदि हम इसको लेकर कुछ नहीं करते हैं तो हम उन अन्य असमानताओं को खत्म करने जा रहे हैं जिनके बारे में हम चिंता करते हैं। यह एक ऐसा कार्य है जिसे कोई एक कंपनी या कोई एक देश नहीं कर सकता है। यदि हम ढाई करोड़ लोगों तक पहुंच जाते हैं तो महसूस करेंगे कि हम भी इसका हिस्सा हैं।

टेक एक शक्तिशाली उपकरण

कोविड-19 से पहले बड़ी अमेरिकी टेक कंपनियां ताकतवर दिख रही थीं। अब ये खतरनाक हो गई हैं। इनमें से 5 बड़ी कंपनियों की वैल्यू में एसएंडपी-500 इंडेक्स में 20 फीसदी का इजाफा हुआ है। स्मिथ का कहना है कि टेक एक शक्तिशाली उपकरण है, लेकिन यह गलत हाथों में एक दुर्जेय हथियार भी हो सकता है। ऐसे में यह टेक्नोलॉजी के लिए एक महत्वपूर्ण समय है। इसकी पहले से कहीं अधिक जिम्मेदारी है।

लोगों के पास अब पहले से ज्यादा सवाल

स्मिथ का मानना है कि लोगों के पास अब पहले से ज्यादा सवाल हैं और यह गलत चीज नहीं है। टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल सही दिशा में सुनिश्चित करने के लिए सरकारों को जल्द से जल्द इससे जुड़े सख्त कानूनों का निर्माण करने की जरूरत है। इसके अलावा टेक कंपनियों को भी संयम बरतने की जरूरत है।

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