लखनऊ। यूपी की योगी सरकार कोरोना से लड़ाई लड़ने में हर प्रयास कर रही है, ताकि इस महामारी को हराया जा सके। लेकिन प्रदेश के 45 जिलों ने प्रदेश सरकार की टेंशन बढ़ा दी है। इन जिलों में कोरोना को अभी भी रोकना मुश्किल हो रहा है, जिसके पीछे सरकार यहां पर किए जा रहे प्रयासों से नाखुश है। सीतापुर जिला भी अब खतरनाक हो रहा है। सरकार ने माना है कि कोरोना संक्रमण से लोगों को बचाने के लिए किए जा रहे बंद के पालन में उत्तर प्रदेश के 45 जिलों में ‘कमी’ पाई गई है।
अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह) अवनीश अवस्थी ने प्रदेश की राजधानी लखनऊ, प्रधानमंत्री के निर्वाचन क्षेत्र वाराणसी और गौतम बुद्ध नगर सहित इन 45 जिलों के जिलाधिकारियों और पुलिस प्रमुखों को भेजे गए पत्र में ने उनके प्रदर्शन को ‘असंतोषजनक’ करार दिया है। अवस्थी ने कहा कि असंतोषजनक प्रदर्शन वाले जिला अधिकारियों को बंद के पालन में सुधार करने के लिए निर्देशित किया गया है और 20 अप्रैल के बाद कुछ ढील देने के लिए तैयारियां करने को भी कहा है। अवस्थी द्वारा खुद तैयार की गई इस रिपोर्ट में खराब प्रदर्शन के संभावित कारणों का भी उल्लेख किया है।
उदाहरण के लिए, लखनऊ और गौतम बुद्ध नगर के मामले में पुलिस और प्रशासन के बीच समन्वय की कमी का उल्लेख किया गया है। जिन जिलों ने ‘संतोषजनक’ प्रदर्शन किया है, उनमें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के गृह जिले गोरखपुर, अयोध्या, अलीगढ़, एटा, हाथरस, पीलीभीत शामिल हैं। शाहजहांपुर भी बेहतर प्रदर्शन करने वालों में है, जबकि प्रयागराज का प्रदर्शन भी इस मामले में ‘कमजोर’ रहा है।
यह रिपोर्ट विभिन्न मानदंडों के पालन और चिकित्सा सुविधाओं, कोविड-19 रोगियों की संख्या, पुलिस और चिकित्सा कर्मचारियों पर हमलेआदि के आधार पर तैयार की गई है। एसीएस ने बीमारी के प्रसारण की जांच करने और बंद के प्रोटोकॉल का पालन करने जैसे कामकाज में सुधार के लिए सभी अधिकारियों को रिपोर्ट भेज दी है।