नई दिल्ली। वेतन न मिलने पर कोलकाता के अस्पताल से एक साथ 300 नर्सों का नौकरी छोड़कर वापस मणिपुर पलायन करने की खबर का राष्ट्रीय महिला आयोग ने संज्ञान लिया है। इस पर आयोग ने चिंता जताते हुए इसे गंभीर विषय बताया। आयोग के मुताबिक वैश्विक महामारी कोरोना के समय महिला स्वास्थ्य कर्मियों को घरों से निकाल देने, वेतन न देने, उन्हें पीपीई किट्स भी उपलब्ध न कराने के साथ उनका मानसिक उत्पीड़न करने की घटना निंदनीय है। राष्ट्रीय महिला आयोग ने इस संबंध में पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव संजीव सिंहा को पत्र लिखकर इस मामले में कार्रवाई करने को कहा है। पत्र में विस्तृत कार्रवाई की रिपोर्ट भेजने को कहा गया है।
कोलकाता के अस्पताल में काम करने वाली मणिपुर की रहने वाली 300 नर्सों को वहां के अस्पताल प्रशासन द्वारा वेतन न देने और उनके साथ भेदभाव बरतने की घटना के बाद से सभी नर्सें मणिपुर लौट गईं। नर्सों का आरोप है कि उनके साथ अस्पताल प्रशासन ने भेदभाव किया और उनको मानसिक रूप से प्रताड़ित भी किया। कोरोना काल में उन्हें पीपीई किट, मास्क के बिना काम करने पर मजबूर किया जा रहा था। इसके साथ उन्हें वेतन भी नहीं दिया जा रहा था।