वाराणसी. बनारस के चिरइ गांव में एक परिवार है. यहां पर एक व्यक्ति परचून की दुकान चलाता है और अपने घर में आटा-चक्की भी चलाता है. उसके इसी काम से परिवार का भरणपोषण होता है. शख्स के परिवार में दो बेटी और एक बेटा है, जिसमें से एक बेटी का नाम ज्योति है. ज्योति पढ़ने में काफी होशियार थी, इसलिए वह उसे आगे पढ़ाना जारी रखता है.
गांव में लड़कियों की जल्द शादी कर दी जाती है, ऐसे में परिवार के लोग भी सोचते हैं कि ज्योति पढ़ती रहे, लेकिन साथ-साथ उसकी शादी के लिए लड़के की भी तलाश शुरू कर दी जाती है. परिवार को जल्द ही प्रयागराज में आलोक मौर्या नाम का लड़का मिलता है, जो पंचायती राज में चतुर्थ श्रेणी में सफाई कर्मचारी होता है.
शादी के लिए दोनों परिवार मिलते हैं और लड़का-लड़की के बारे में जानकारी एक-दूसरे को देते हैं. 2010 में दोनों की शादी धूमधाम से की जाती है. अब ज्योति और आलोक पति-पत्नी बन चुके थे. पढ़ने में होशियार ज्योति अपने पति से कहती है कि वह अभी बीएड कर रही है और आगे भी पढ़ना चाहती है. इसके साथ ही वह आलोक को बताती है कि आगे जाकर सिविल सर्विस की तैयारी करना चाहती है.
आलोक भी राजी हो जाता है और हर तरह से खर्चे का जिम्मा लेता है. वह ज्योति को पहले बीएड कराता है और फिर सिविल सर्विस की कोचिंग भी कराता है. पैसे ही ज्यादा जरूरत पड़ने पर आलोक लोन भी लेता है और अपने पिता से भी मांगता है. वह हर तरीके से पैसे बचा-बचाकर ज्योति की पढ़ाई में लगा देता है.
एक साथ आई दो खुशखबरी
बीएड के बाद ज्योति स्टेट पीसीएस की तैयारी करती है, इसके लिए वह कोचिंग भी जाती है. गांव में रहने वाला आलोक काम भी करता और ज्योति को कोचिंग कराने को लेकर शहर भी लेकर जाता. ज्योति 2015 में पहली बार एग्जाम देती है और वह गर्भवती भी थी. परीक्षा के बाद उनके घर में एक साथ दो खुशी आती है.
पहला तो ज्योति ने पूरे यूपी में 16वीं रैंक हासिल की थी और लड़कियों में उसकी तीसरी रैंक थी. इसके साथ ही उसको दो बेटियां भी हुई थी. वह अब अफसर बन चुकी थी और 2016 में ट्रेनिंग के बाद उसकी अलग-अलग जगह पर पोस्टिंग होती है. आलोक अभी भी अपनी सफाई कर्मचारी की नौकरी को जारी रखे हुए था. हालांकि इसी बीच 2020 तक ज्योति की 4 जगह पर पोस्टिंग हुई और दोनों के बीच दूरिया बढ़ने लगी थीं.
सरप्राइज देने गए आलोक को मिला सरप्राइज
अब एक सफाई कर्मचारी की बीवी एसडीएम बन चुकी थी, इसमें एक गर्व की कहानी थी तो दूसरी दोनों के टकराव की भी. दोनों के बीच 2020 से लड़ाई होना शुरू हो गई थी. आलोक ने बताया कि वह 2020 में अपनी पत्नी को सरप्राइज देने के लिए उसके सरकारी आवास पर पहुंचता है, जहां उसकी पोस्टिंग थी. वह कर्मचारियों को कहता है कि वह खुद ज्योति को जाकर सरप्राइज देगा, लेकिन जैसे ही वह घर के अंदर जाता उसको खुद ही एक दूसरा सरप्राइज मिल जाता है.
आलोक बताता है कि उस समय उसकी पत्नी एक अन्य शख्स के साथ आपत्तिजनक स्थिति में थी. यह देखकर आलोक हैरान रह गया और बाहर आ गया. इसके बाद उसने ज्योति से लड़ाई की. दोनों के बीच इसी बात को लेकर खटास आ गई थी और अब आलोक अपनी पत्नी पर शक करने लगा था.
जब मनीष दुबे से अफेयर की बात खुली
बकौल आलोक अब यह जांच करने में लग गया कि उसकी पत्नी उसे कब से और कैसे-कैसे धोखा दे रही है. इसी कड़ी में एक दिन उसके हाथ ज्योति का फोन हाथ लग जाता है. वह उसके वाट्सऐप का स्क्रिन शॉट लेता है और अपने फोन में ट्रांसफर कर लेता है. उसने बताया कि उसे पढ़कर मालूम हो जाता है कि ज्योति उसे लंबे समय से धोखा दे रही है.
इसके बाद वह परेशान हो जाता है. एक बार वह ज्योति का पीछा करते हुए लखनऊ भी गया तो उसने देखा कि जिस शख्स को उसने अपनी पत्नी के साथ आपत्तिजनक स्थिति में पहले देखा था, वह अब उसके साथ होटल में जा रही थी.
आलोक ने बताया कि उसकी पत्नी का अफेयर होमगार्ड के कमांडेंट मनीष दुबे से है. मनीष दुबे भी शादीशुदा है और उसका पत्नी से तलाक का मामला कोर्ट में चल रहा है. इसके साथ ही अब आलोक और ज्योति की भी लड़ाई चल रही थी. इस बीच आलोक एक दिन मीडिया में सामने आया और ज्योति पर एक के बाद एक कई आरोप लगाए.
उसने अपने संघर्षों की कहानी बताई और पत्नी को भ्रष्टाचारी बताया. वीडियो सामने आने के बाद यह तेजी से वायरल हो गया और आलोक को देश के लोगों की सहानुभूति भी उसको मिलने लगी. लोगों को लगने लगा कि एक सफाई कर्मचारी ने किस तरह मेहनत करके अपनी पत्नी को पढ़ाया और अब वह उसपर अत्याचार कर रही है.
दोनों ने एक-दूसरे पर किए केस
मामला सामने आने के बाद ज्योति और उसके पति दोनों ने एक-दूसरे पर केस कर दिए. मामले को देखते हुए यूपी सरकार ने भी ज्योति को तलब किया और इस मामले में सफाई मांगी. इस सारे मामले पर आलोक के पिता ने कहा कि ज्योति ने सब बर्बाद कर दिया और अब वह किसी बहू को पढ़ाने की हिम्मत नहीं जुटा पाएंगे. इस मामले के सामने आने के बाद कई प्रदेशों से भी ऐसे मामले सामने आए, जहां पर पति ने अपनी पत्नियों को आगे पढ़ाने से मना कर दिया. ज्योति और आलोक दोनों के अपने-अपने तर्क है और काफी हद तक दोनों सही हैं.
ज्योति और आलोक के पिता के क्या-क्या है तर्क
ज्योति मौर्या के पिता दोनों की शादी का एक कॉर्ड दिखाते हैं, जिसमें आलोक मौर्या के नाम के सामने अधिकारी ग्राम पंचायत लिखा है, लेकिन वह सफाईकर्मी था. 2010 से 2016 तक उनको उसकी सच्चाई के बारे में पता ही नहीं चला. दोनों की शादी की बुनियाद ही झूठ पर टिकी हुई थी. उसने शादी के वक्त झूठ बोला था और अब वह दहेज मांग रहे हैं.
आलोक मौर्या के पिता ने इसपर अपनी सफाई देते हुए कहा कि वह कॉर्ड ही झूठा है, क्योंकि उसको हमने नहीं बल्कि ज्योति के पिता ने अपने रिश्तेदारों को देने के लिए छपवाया था, हमारा कॉर्ड तो दूसरा था. यानि जिस कॉर्ड को आधार बनाकर ज्योति मौर्या और उसके पिता आलोक को झूठा साबित करने में लगे हुए थे, अब उसपर ही सवाल खड़े होने लगे हैं.