नई दिल्ली। राजस्थान में लंबे समय से सीएम अशोक गहलोत और सीएम सचिन पायलट के बीच चल रही सियासी जंग पर अब विराम है। सचिन पायलट ने साफ कर चुके हैं उनका पूरा फोकस अगले चुनाव पर है। उधर एक मीडिया रिपोर्ट की माने तो सचिन पायलट बहुत जल्द कांग्रेस के बड़े नेताओं में अपनी जगह बनाने की राह पर है।
दरअसल जानकारी मिल रही है कि सचिन पायलट को मल्लिकार्जुन खरगे की टीम में राष्ट्रीय महासचिव के तौर पर जिम्मेदारी दी जा सकती है। अगर ऐसा होता है तो सचिन पायलट कांग्रेस की टॉप लीडरशिप वाली 35 नेताओं की टीम में जगह बना लेंगे।
इस मीडिया रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि राष्ट्रीय महासचिव बनाने के बाद सचिन पायलट को किसी बड़े राज्य के प्रभारी के तौर पर काम कर सकते हैं। वहीं राजस्थान चुनाव पर उनका जोर रहेंगा लेकिन जिन सीटों पर पायलट का प्रभाव है उन सीटों पर प्रचार के लिए पार्टी उनका उपयोग कर सकती है।
टिकट वितरण के समय पायलट समर्थकों को एड़जस्ट किया जाएगा जिन सीटों पर पायलट का प्रभाव है वहां उनकी सहमति से ही टिकट दिए जाएंगे। 40 से 45 सीटों पर पायलट का प्रभाव माना जाता है।
कांग्रेस से जुड़े लोगों की माने तो आने वाले दिनों में कांग्रेस में बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है। कहा जा रहा है लोकसभा चुनाव को देखते हुए राष्ट्रीय टीम में फेरबदल की तैयारी चल रही है।
अकेले पायलट की नाम की घोषणा नहीं की जाएगी। खरगे अपनी टीम का एलान खुद कर सकते हैं। राजस्थान चुनाव में अशोक गहलोत के नेतृत्व में ही लडऩे की संभावना है।
हालांकि कांग्रेस की तरफ से चुनाव में कोई चेहरा नहीं होगा लेकिन सीएम रहते हुए गहलोत ही चुनाव में अघोषित रूप से कांग्रेस का चेहरा होंगे।
राजस्थान में किसको टिकट दिया जाये इसमें सचिन पायलट का रोल काफी अहम होगा। अब देखना होगा कि कांग्रेस कैसे सचिन पायलट को राष्ट्रीय राजनीति में लाती है।