नई दिल्ली। अयोध्या में राम मंदिर उद्घाटन समारोह में जाने को लेकर कांग्रेस ने भी बड़ा कदम उठाया और बहिष्कार करने का फैसला किया है। पहले ये खबर आ रही थी कि कांग्रेस इस समारोह में जा सकती है लेकिन बुधवार को साफ हो गया है कि कांग्रेस पार्टी अयोध्या जाने से परहेज करेगी।
बता दें कि आयोजन समिति की तरफ से सोनिया गांधी, मल्लिकार्जुन खरगे और अधीर रंजन चौधरी को 22 जनवरी के राम लला प्राण प्रतिष्ठा समारोह का न्योता दिया गया था लेकिन अब कांग्रेस ने साफ कर दिया है कि वो नहीं जा रहे हैं इस समारोह में। कांग्रेस के इस कदम के पीछे क्या वजह रही है, इसको लेकर कयासों का दौर जारी है।
अब कांग्रेस ने साफ साफ बोल दिया है कि पार्टी प्राण प्रतिष्ठा समारोह के न्योते को ससम्मान अस्वीकार करती है लेकिन अब बताया जा रहा है कि कांग्रेस के इस कदम के पीछे ममता बनर्जी बहुत बड़ा रोल है। दरअसल कल ही ममता बनर्जी ने पश्चिम बंगाल में ईश्वर और अल्लाह की कसम खाते हुए समारोह के बहिष्कार की घोषणा की थी।
ममता का इस कदम के बाद ही कांग्रेस पर दबाव बन गया था। इनता ही नहीं कांग्रेस नहीं चाहती है कि वो इंडिया गठबंधन में फिर से ममता के निशाने पर आये। इस वजह से उसने नहीं जाने का फैसला किया और मीडिया के सामने न जाने का कारण भी बता डाला है।
कांग्रेस के अनुसार “भगवान राम की पूजा अर्चना करोड़ो भारतीय करते हैं. धर्म मनुष्य का व्यक्तिगत विषय होता है लेकिन भाजपा और आरएसएस ने वर्षों से अयोध्या में राम मंदिर को एक राजनीतिक परियोजना बना दिया है. स्पष्ट है कि एक अर्धनिर्मित मंदिर का उद्घाटन केवल चुनावी लाभ उठाने के लिए किया जा रहा है।”
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने इस मुद्दे पर एक आधिकारिक बयान जारी किया है। कांग्रेस की तरफ से कहा गया है, ‘भगवान राम की पूजा अर्चना करोड़ों भारतीय करते हैं… धर्म मनुष्य का व्यक्तिगत विषय होता है, लेकिन भाजपा और आरएसएस ने वर्षों से अयोध्या में राम मंदिर को एक राजनीतिक प्रोजेक्ट बना दिया है… साफ है कि एक अर्धनिर्मित मंदिर का उद्घाटन केवल चुनावी लाभ उठाने के लिए किया जा रहा है।’