नई दिल्ली। सरकार ने उन मीडिया रिपोर्टों को सिरे से खारिज किया है, जिनमें लोगों को एक्सपायर हो चुकी वैक्सीन लगाने का दावा किया गया है। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने इन खबरों को झूठा और बेबुनियाद बताया है। उसका कहना है कि ये खबरें अधूरी जानकारी पर आधारित हैं।
मंत्रालय ने बताया है कि सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गनाइजेशन (CDSCO) ने 25 अक्टूबर 2021 को कोवैक्सीन (पूरे वायरियॉन, इनएक्टिवेटेड कोरोनावायरस वैक्सीन) की शेल्फ लाइफ के विस्तार को मंजूरी दी है। इसे 9 महीने से बढ़ाकर 12 महीने तक किया गया है। भारत बायोटेक इंटरनेशनल के पत्र संख्या: बीबीआईएल/आरए/21/567 के जवाब में ऐसा किया गया था।
इसी तरह नेशनल रेगुलेटर ने 22 फरवरी 2021 को कोविशील्ड की शेल्फ लाइफ को 6 महीने से बढ़ाकर 9 महीने कर दिया है। वैक्सीन बनाने वाली कंपनियों की ओर से उपलब्ध कराए गए डेटा के व्यापक विश्लेषण और परीक्षण के आधार पर राष्ट्रीय नियामक टीकों की शेल्फ लाइफ बढ़ाता है।
सरकार ने ऐसे समय में यह गलतफहमी दूर की है जब सोमवार से 15-18 साल की उम्र के किशोरों का वैक्सीनेशन शुरू हुआ है। इसके अलावा देश में कोरोना के केस तेजी से बढ़ रहे हैं।