सीबीआई के कैम्प आफिस में एमएलसी के भाई समेत कई मौरंग कारोबारी तलब
-पूछताछ में दस्तावेजों में कराये गये हस्ताक्षर
पंकज मिश्रा
हमीरपुर। अवैध खनन घोटाले की जांच कर रही सीबीआई की दो सदस्यीय टीम ने बुधवार को यहां अखिलेश यादव के एमएलसी रमेश मिश्रा के बड़े भाईयों समेत कई मौरंग कारोबारियों को कैम्प आफिस तलब कर कई घंटे पूछताछ की। सभी से पूछताछ के बाद पहले से तैयार दस्तावेजों में हस्ताक्षर भी लिये गये है। सीबीआई के रडार में आये खनन से जुड़े 63 मौरंग पट्टा धारकों की धड़कने बढ़ गयी है।
बता दे कि पिछले कई सालों से हाईकोर्ट के आदेश पर सीबीआई अखिलेश सरकार में हुये अवैध खनन की जांच कर अभिलेख खंगाल रही है। जांच में अवैध खनन के अहम दस्तावेज सीबीआई के हाथ लगे है। अवैध खनन घोटाले की तह तक जाने और ठोस सबूत एकत्र करने के लिये सीबीआई की दो सदस्यीय टीम हमीरपुर आकर पिछले तीन दिनों से जांच कर रही है।
मौदहा बांध निर्माण के निरीक्षण भवन में कैम्प कर रही सीबीआई की अधिकारियों ने सपा के एमएलसी रमेश मिश्रा के बड़े भाई दिनेश मिश्रा व सुरेश मिश्रा को कैम्प आफिस तलब कर कई घंटे तक पूछताछ की और पहले से तैयार दस्तावेज में हस्ताक्षर भी लिये गये। कैम्प आफिस से बाहर निकलते ही ये दोनों परेशान दिखे। सीबीआई ने एक और मौरंग कारोबारी को तलब कर उससे हस्ताक्षर बनवाये है। नाम न छापने की शर्त पर एक मौरंग पट्टा धारक ने बताया कि सीबीआई के अधिकारियों ने अबकी बार कुछ ज्यादा उनसे पूछताछ नहीं की है लेकिन उन्हें दस्तावेजों में हस्ताक्षर करने पड़े है। हस्ताक्षर कराने की वजह भी जांच का एक पहलू है।
एमएलसी के भाई दिनेश मिश्रा व सुरेश हमीरपुर में फर्म बनाकर सर्वाधिक मौरंग की खदानें संचालित की है। इधर याचिकाकर्ता विजय द्विवेदी एडवोकेट ने बताया कि सीबीआई की टीम ऐसे मौरंग कारोबारियों को तलब कर उनसे हस्ताक्षर ले रही है जिनके मौरंग खदानों के लिये किये गये आवेदन पत्र और रजिस्ट्री में साइन में अंतर है। गुरुवार को भी चार से पांच मौरंग कारोबारियों को कैम्प आफिस में तलब कर सीबीआई पूछताछ करेगी। साथ ही अखिलेश यादव की सरकार में तैनात रहे यहां के खनिज अधिकारी, कर्मचारी और प्रशासनिक अधिकारियों के बारे में भी जानकारी एकत्र की जा रही है।
जांच के बाद सीबीआई दर्ज कर सकती है केस
याचिकाकर्ता विजय द्विवेदी ने आज शाम बताया कि सीबीआई की टीम इस बार फाइनल जांच कर पूरी रिपोर्ट तैयार करेगी और यहां से जाते ही अवैध खनन के मामले में एक एफआईआर दर्ज कर सकती है। इस एफआईआर में अखिलेश सरकार में तैनात रहे उच्च अधिकारियों से लेकर जिलास्तर पर अधिकारियों की नामजदगी तथा मौरंग के वह कारोबारी जो सीबीआई की जांच में फंस चुके है। जनपद में हाईकोर्ट से मौरंग के पट्टे निरस्त होने के बाद भी 63 मौरंग के पट्टों में खनन का खेल खेला गया है।