लखीमपुर खीरी। एक बार फिर दिल्ली बॉर्डर की तस्वीर दिखाई देने लगी है। इस बार यह नजारा यूपी के लखीमपुर खीरी जिले में देखने को मिला। देशभर से किसानों का यहां पहुंचना शुरू हो गया है। किसान नेता राकेश टिकैत से लेकर, योगेंद्र यादव, मेधा पाटकर जैसे नेता पहले ही पहुंच गए हैं। 75 घंटे तक चलने वाले इस महापड़ाव में पंजाब, राजस्थान, हरियाणा समेत कई प्रदेशों से किसानों का पहुंचना जारी है। इनमें बड़ी संख्या में महिलाएं भी शामिल हैं।
गुरुवार खीरी में पहुंचे किसानों ने एक बार फिर एक साल से ज्यादा चले किसान आंदोलन की यादें ताजा कर दी हैं। चर्चा है कि कृषि कानून को लेकर जिस तरह से आंदोलन हुआ है उसी तरह से इस महापड़ाव की रूपरेखा भी तय की जाएगी, हालांकि किसान नेता इससे इनकार कर रहे हैं, लेकिन किसान नेता राकेश टिकैत ने आंदोलन की रूपरेखा तय कर दी है। केन्द्र सरकार पर हमलावर हुए टिकैत ने कहा है कि तीसरे दिन आंदोलन के स्वरूप का ऐलान करेंगे।
राकेश टिकैत ने दी थी आंदोलन की चेतावनी
खीरी कांड के आरोपी केन्द्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्र टेनी को बर्खास्त करने की मांग कई दिनों से चली आ रही है। इसको लेकर किसान नेता राकेश टिकैत ने सरकार को विधानसभा चुनाव से पहले चेताया था। राकेश टिकैत ने कहा था कि टेनी को जल्द से जल्द बर्खास्त किया जाए। मांग पूरी नहीं हुई तो एक बार फिर आंदोलन उग्र होगा। किसानों की संख्या को देखते हुए खीरी जिले का प्रशासन भी पूरी तरह से अलर्ट हो गया है।
किसान मंडी में लगा लंगर
संयुक्त किसान मोर्चा के महापड़ाव गुरुवार से शुरू हो चुका है। खीरी कांड में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी की पद से बर्खास्तगी और किसानों पर दर्ज मुकदमे वापस लिए जाने की मांग को लेकर देश भर से किसानों का जुटान लखीमपुर में हो रहा है।
लखीमपुर कृषि मंडी में आयोजित किए गए किसान महापंचायत को देखते हुए यहां लंगर शुरू हो गए हैं। दिल्ली बॉर्डर की तरह यहां भी किसान खाने-पीने का सामान साथ लेकर आए हैं। बतादें कि कार्यक्रम से पहले मंडी स्थल पर गुरुवाणी का पाठ किया गया। साथ ही दिल्ली किसान आंदोलन के दौरान जान गवाने वाले किसानों को श्रद्धांजलि अर्पित की गई।