– अमेरिकी खुफिया एजेंसी ने दूसरे दिन ही 35 चीनी सैनिकों के मारे जाने का किया था दावा
– वायरल तस्वीर में दिख रही मुख्य कब्र चीनी सेना की 69316 यूनिट के 19 वर्षीय सैनिक की
नई दिल्ली। गलवान घाटी में 15/16 जून की रात को चीनी सैनिकों के साथ हुए खूनी संघर्ष में 20 भारतीय जवानों के शहीद होने की औपचारिक जानकारी भारत ने दूसरे दिन ही दे दी थी लेकिन चीनी की सेना ने आज तक इस घटना में अपने हताहत सैनिकों की संख्या नहीं बताई है। इसी वजह से पीएलए में तेजी से अंसतोष बढ़ा और अब ढाई माह बाद गलवान घाटी में मारे गए 35 चीनी सैनिकों के कब्र की तस्वीर वायरल हो गई है। इसमें कब्र पर लिखा है कि इस सैनिक की चीन-भारत सीमा रक्षा संघर्ष में जून 2020 में मौत हो गई थी। अमेरिकी खुफिया एजेंसी ने भी घटना के दूसरे दिन ही 35 चीनी सैनिकों के मारे जाने का दावा किया था।
गलवान घाटी में 15 जून की शाम से शुरू हुई हाथापाई 16 जून की सुबह होने तक खूनी झड़प में बदल गई थी। रात भर में तीन दौर के खूनी संघर्ष के बाद तड़के 5 बजे के करीब दोनों सेनाओं के बीच शवों और घायल सैनिकों का आदान-प्रदान हुआ था। भारत की ओर से चीन को 5 सैन्य अधिकारियों समेत 26 सैनिकों के शव और 70 घायल सैनिक सौंपे गए थे, जिसकी फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी भी की गई थी। इसके बाद भी घटनास्थल के पास से चीन के हेलिकॉप्टर दूसरे दिन तक अपने घायल और मृत सैनिकों को लेकर गए।
हालांकि शवों के आदान-प्रदान के लिए बनी रिपोर्ट में इस बात का जिक्र नहीं था कि इन शवों में चीन के कमांडिंग ऑफिसर का शव था या नहीं लेकिन इस घटना के बाद चीन के इलाके चुशुल-मोल्दो में 22 जून को हुई लेफ्टिनेंट जनरल स्तर की वार्ता में चीन ने पहली बार गलवान घाटी में 15/16 की रात हुई हिंसक झड़प में अपने कमांडिंग ऑफिसर के मारे जाने की बात कबूली थी।
घटना के बाद चीन का तर्क था कि वह तनाव को भड़काना नहीं चाहता है, इसलिए मृत सैनिकों की संख्या नहीं जारी करेगा। चीनी सेना के प्रवक्ता झांग शुइली ने अपने बयान में इतना जरूर कहा था कि झड़प में दोनों ही पक्षों के लोग मारे गए हैं लेकिन उन्होंने अपने सैनिकों की संख्या नहीं बताई। उन्होंने कहा कि चीन के राष्ट्रपति और सेना प्रमुख शी जिनपिंग की स्वीकृति के बाद ही सैनिकों की मौत के आंकड़े बताये जा सकते हैं।
हालांकि चीन के इस रवैये से गलवान घाटी में जान गंवाने वाले चीनी सैनिकों के परिवार वालों और सेना में भी असंतोष बढ़ा लेकिन चीन ने आज तक मारे गए सैनिकों की संख्या का खुलासा आधिकारिक तौर पर नहीं किया है। चीन में बढ़ रहे असंतोष का ही नतीजा यह रहा कि अब उस जगह की तस्वीर वायरल हो गई, जहां गलवान में मारे गए चीनी सैनिकों के शव एक साथ दफन किये गए थे।
भारतीय रक्षा सूत्रों ने कहा कि ‘हमारे पास पहले से ही इस बात के साक्ष्य हैं कि गलवान घाटी में चीन के कितने सैनिकों की मौत हुई है लेकिन भारतीय सेना कभी भी दूसरे देश के सैनिकों की मौत की संख्या के बारे में टिप्पणी नहीं करती है। यह चीन की सेना में बढ़ते असंतोष की वजह से इस तरह की तस्वीर लीक हो रही है जहां तक हमारी बात है तो हम हताहतों के बारे में जानते हैं।’ चीनी मामलों के एक्सपर्ट एम टेलर फ्रैवल का कहना है कि चीन में टि्वटर नहीं चलता है।
वहां वीबो ऐप ही चीन का अपना टि्वटर है, इसलिए चीन की माइक्रोब्लॉगिंग साइट वीबो पर यह तस्वीर शेयर की गई है। टेलर ने वेबसाइट Zaobao में लिखा है कि तस्वीर में दिख रही कब्र पर सैनिक की यूनिट का नाम 69316 बताया गया है जो गलवान के उत्तर में स्थित चिप-चाप घाटी में तियानवेन्दियन की सीमा रक्षा कंपनी लग रही है। वायरल हुई तस्वीर में दिख रही कब्र एक 19 साल के चीनी सैनिक की है, जिसकी मौत ‘चीन-भारत सीमा रक्षा संघर्ष’ में जून 2020 में हो गई।
टेलर ने दूसरे सूत्र के हवाले से लिखा है कि यह 13वीं सीमा रक्षा रेजिमेंट का हिस्सा है। उन्होंने यह भी दावा किया है कि 2015 में इस यूनिट का नाम केंद्रीय सैन्य आयोग ने ‘युनाइटेड कॉम्बैट मॉडल कंपनी’ रख दिया था। उन्होंने लिखा है कि इससे पता चलता है कि गलवान घाटी में चीन ने कौन सी यूनिट तैनात की थीं। चीन ने अपने मारे गए सैनिकों का सम्मान के साथ विधिवत अंतिम संस्कार भी नहीं किया, जिसे लेकर उन सैनिकों के परिजनों में नाराजगी दिखी। कुछ जगहों पर प्रदर्शन भी हुए। चीन की पूरी कोशिश गलवान के सच को दबाने की थी लेकिन ताजा तस्वीर ने एक बार फिर उसकी पोल खोल दी है।