नई दिल्ली। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को भाजपा के अभेद्य गढ़ गुजरात में एक बार फिर कांग्रेस की कमान सौंपकर पार्टी आलाकमान ने अपने इरादे साफ कर दिए है। हर हाल में गुजरात विधानसभा में जीत चाहिए। पार्टी आलाकमान को भरोसा है कि यह काम सिर्फ राजस्थान से सीएम अशोक गहलोत ही कर सकते हैं। कांग्रेस ने गहलोत को खुलकर बैटिंग करने का अवसर दिया है। कांग्रेस ने गहलोत की सलाह पर रघु शर्मा को गुजरात का प्रभारी बनाया था।
गहलोत के कहने पर ही गुजरात के 37 पर्यवेक्षकों में से 23 पर्यवेक्षक राजस्थानी लगाए है। उल्लेखनीय है कि सीएम गहलोत ने 2017 में गुजरात प्रभारी रहते हुए चुनावी चौसर पर अपनी राजनीतिक चालों से भाजपा को 100 सीटों से कम पर लाकर पटक दिया था।
कांग्रेस को जीत के मुहाने पर ले गए थे। हालांकि अंतिम समय में सूरत जिले से बाजी पलट गई और कांग्रेस को वनवास से मुक्ति नहीं मिल पाई। सूरत में कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा था।
2017 के चुनावों में भाजपा का सबसे कमजोर प्रदर्शन रहा
कांग्रेस आलाकमान ने हाल ही में सीएम अशोक गहलोत को गुजरात चुनाव के लिए वरिष्ठ पर्यवेक्षक नियुक्त किया है। 1995 से लगातार गुजरात में चुनाव जीतती आ रही भाजपा का 2017 के चुनाव में सबसे कमजोर प्रदर्शन था। यह माना जाता है कि 2017 के विधानसभा चुनाव के आखिरी दौर में अगर पीएम मोदी ने चुनाव प्रचार की कमान नहीं संभाली होती तो शायद भाजपा की सरकार नहीं बन पाती। सीएम गहलोत ने गुजरात में सत्ता पलट के भाजपा के आॅपरेशन लोटस को भी धराशाही किया था।
भाजपा के गढ़ में मोदी-अमित शाह को देंगे चुनौती
गुजरात राज्यसभा चुनाव में भी कांग्रेस के दिवंगत हो चुके दिग्गज नेता अहमद पटेल की जीत को भाजपा के मुंह से खींचकर लाने में भी गहलोत ही मुख्य रणनीतिकार थे। कांग्रेस के मालूम है कि पार्टी का एक बार फिर सामना पीएम मोदी की लोकप्रियता और अमित शाह की चाणक्य जैसी राजनीतिक चालों से होगा।
इसलिए कांग्रेस आलाकमान ने भाजपा के गढ़ में चुनौती देने के लिए एक बार फिर सीएम गहलोत को आगे किया है। कांग्रेस आलाकमान ने एक बार फिर सीएम अशोक गहलोत पर विश्वास जताया है। गहलोत अपनी चतुराई से गुजरात विधानसभा चुनाव में एक बार फिर मोदी-अमित शाह का खेल बिगाड़ सकते हैं।
गहलोत की फौज भी साथ-साथ चलेगी
अशोक गहलोत के अलावा मंत्रिपरिषद के सदस्यों और विधायकों को भी गुजरात में चुनावी कमान सौंपी है। पार्टी ने गुजरात के 37 में से 23 पर्यवेक्षक राजस्थान के लगाए है। प्रदेश के जिन नेताओं को गुजरात विधानसभा में पर्यवेक्षक लगाया गया है, उनमें शिक्षा मंत्री बीडी कल्ला, सहकारिता मंत्री उदयलाल आंजना, राजस्व मंत्री रामलाल जाट, खेल मंत्री अशोक चांदना और खनन एवं गौपालन मंत्री प्रमोद जैन भाया जैसे बड़े चेहरे शामिल है।
साथ ही सुखराम विश्नोई, सुरेश मोदी, अमित चाचाण, अर्जुन बामणिया, गोविंद राम मेघवाल और विधायक राजकुमार शर्मा को जिम्मेदारी दी है। ये सभी विधायक और मंत्री अपने-अपने विधानसभा क्षेत्रों में रायशुमारी कर टिकट देने की अनुशंषा पार्टी आलाकमान से करेंगे। गहलोत के मंत्रियों और विधायकों की सिफारिश पर ही जिताऊ उम्मीदवार को टिकट दिया जाएगा।