गाजियाबाद में बुजुर्ग दंपति की गला दबाकर हत्या, नजदीकी पर हत्या का शक

गाजियाबाद। ट्रोनिका सिटी इलाके में सोमवार देर रात बुजुर्ग दंपति की गला दबाकर हत्या कर दी गई। पति का नग्न शव कमरे में और वृद्धा का शव घर के आंगन में पड़ा मिला। परिवार में 8 लोग मौजूद थे। लेकिन किसी को कानोंकान खबर तक नहीं हुई।जब वो सुबह उठे, तब डबल मर्डर का पता चला। पुलिस मान रही है कि हत्याकांड में किसी नजदीकी का हाथ हो सकता है। फिलहाल शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया गया है।

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पहले इब्राहिम को मारा या पत्नी हाजरा को, ये थ्योरी सुलझानी है

ट्रोनिका सिटी की चर्च कॉलोनी में हत्याकांड के बाद मौके पर इकटठा भीड़।
ट्रोनिका सिटी की चर्च कॉलोनी में हत्याकांड के बाद मौके पर इकटठा भीड़।

SSP मुनीराज जी. ने बताया,”मंगलवार सुबह 8 बजे ट्रोनिका सिटी की चर्च कॉलोनी से यूपी-112 को सूचना दी गई कि बुजुर्ग दंपति की हत्या कर दी गई है। पुलिस ने मरने वालों की पहचान 60 वर्षीय इब्राहिम खान और उनकी पत्नी हाजरा के रूप में हुई है। क्राइम सीन थोड़ा उलझाने वाला है, क्योंकि पति की लाश कमरे में मिली हैं, जबकि वृद्धा की लाश आंगन में। अगर वृद्धा बचने के लिए भागी और उसको मारा गया। तो वो चीखी होगी।

मगर परिवार के किसी सदस्य ने चीख नहीं सुनी। ऐसे में डाउट जाता है कि काई नजदीकी भी इस मर्डर में शामिल हो सकता है। एक अनुमान ये भी है कि पहले वृद्धा को आंगन में मारा गया हो। फिर हत्यारे ने कमरे में जाकर इब्राहिम खान को मार दिया हो। फिलहाल हम हत्या के मोटिव की जांच कर रहे हैं। SP देहात के नेतृत्व में पुलिस टीमें बनाई गई हैं।”

इब्राहित की दो शादियां, पहली बीवी दिल्ली में रहती है
इब्राहिम स्क्रैप का काम करते थे। घर के बराबर में ही स्क्रैप पड़ा हुआ था। उन्होंने दो शादियां की थीं। पहली बीवी दिल्ली में रहती है। हाजरा उनकी दूसरी बीवी थी, जिसका मर्डर हुआ है।बताया जा रहा है कि गले में फांसी का फंदा लगा हुआ था। अब पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आने के बाद हत्या कैसे की गई और उसकी सही टाइमिंग पता चल सकेगा।

बहू बोली- मैं सुबह दूध लाने को उठी, तब पता चला

जिस घर में वारदात हुई, इसका एरिया करीब 50 गज है। इतने छोटे घर में परिवार के छोटे-बड़े कुल 8 मेंबर रहते हैं।

सदस्यों का कहना है कि उन्हें इस हत्या के बारे में पता नहीं चला। न ही कोई शोर सुनाई दिया। बहू फातिमा ने कहा,”मैं सुबह 6 बजे दूध लाने के लिए उठी। देखा तो पापा कमरे में पड़े थे। मैंने मन ही मन में कहा कि ये वैसे ही बीमार रहते हैं, ऊपर से ठंड के मौसम में नग्न पड़े हैं। मैंने पापा को उठाना चाहा, लेकिन वे नहीं उठे। कमरे में मां नहीं थीं। मैंने सोचा कहीं निकल गई होंगी। देखा तो उनकी लाश भी घर के आंगन में पड़ी थी। रात में कौन आया, किसने ये सब किया, कुछ नहीं पता।”

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